अछेद्य का अर्थ
[ achhedey ]
अछेद्य उदाहरण वाक्य
परिभाषा
विशेषणउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- अकाल अछेद्य अभेद्य को कौन वस्तु का भय ||
- वे अनादि , अनंत , अखंड और अछेद्य हैं।
- यह अछेद्य है , जलाई नहीं जा सकती,
- भगवत् गीता में भी भगवान ने कहा है- यह आत्मा अछेद्य है , अदाह्य है....।
- भगवत् गीता में भी भगवान ने कहा है- यह आत्मा अछेद्य है , अदाह्य है .... ।
- जल इसको गीला नहीं कर सकता और वायु इसे सुखा नहीं सकती ; क्योंकि आत्मा अछेद्य , अ-दाह्य और अशोष्य है।
- यह भारतीय अथवा हिन्दू संस्कृति अछेद्य है और इसी से हर भारतीय की पहचान बनती है चाहे वह किसी भी मज़हब को मानने वाला हो।
- तुम कौन सी आत्मा की बात कर रहे हो ? वह जिसे अस्त्र काट नहीं सकता अग्नि जला नहीं सकती जो अछेद्य अचौर्य अभेद्य प्रकाशवान है।
- शस्त्र इस आत्मा को काट नहीं सकते , अग्नि इसको जला नहीं सकती , जल इसको गीला नहीं कर सकता और वायु इसे सुखा नहीं सकती , क्योंकि आत्मा अछेद्य , अदाह्य , अक्लेद्य और अशोष्य है।
- शेष , महेश, गणेश, दिनेश (सूर्य) और सुरेश (इन्द्र) जिसके गुण निरन्तर गाते हैं, जिसे वेद अनादि, अनन्त, अखंड, अछेद्य, और अभेद बतातेहैं, नारद, शुकदेव और व्यास जैसे मुनि जिसका नाम रटते हैं और प्रयत्न करके भी उसका पार नहीं पाते हैं, उसी (कृष्ण) को अहीरों की कन्यायें कटोरे भर मट्ठे के लिये नाच नचाती हैं।