अध्रुव का अर्थ
[ adheruv ]
अध्रुव उदाहरण वाक्य
परिभाषा
विशेषणउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- ध्रुव और अध्रुव के संगम को ही जीवन कहते हैं।
- भास्कर न्यूज क्च राजलदेसरआचार्य महाश्रमण ने कहा है कि आत्मा ध्रुव व शरीर अध्रुव तत्व है।
- ये चारों भेद भी आदि , अनादि , ध्रुव और अध्रुव के रूप में वर्णित किए गए हैं।
- वस्तु स्वरूप के बार-बार चिन्तन का नाम अनुप्रेक्षा है उनमें नामों का क्रम इस प्रकार है - अध्रुव , अशरण, एकत्व, अन्यत्व, संसार, लोक, अशुचित्व, आस्रव, संवर, निर्जरा, धर्म और बोधि।
- वे सर्वत्र विस्तीर्ण मृत्यु के बन्धन में पड़ जाते हैं , किन्तु धीर पुरुष ध्रुव अमृतपद को जानकर इस जगत् में अध्रुव ( अनित्य , नश्वर ) भोगों मेंसे किसी को भी ( भोग की ) कामना नहीं करते।
- वस्तु स्वरूप के बार-बार चिन्तन का नाम अनुप्रेक्षा है उनमें नामों का क्रम इस प्रकार है - अध्रुव , अशरण , एकत्व , अन्यत्व , संसार , लोक , अशुचित्व , आस्रव , संवर , निर्जरा , धर्म और बोधि।