अनध्यवसाय का अर्थ
[ anedheyvesaay ]
अनध्यवसाय उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- अनिश्चयात्मक ज्ञान को “ अनध्यवसाय ” कहते हैं।
- संशय , विपर्यय और अनध्यवसाय से युक्त ज्ञान को विसंवादी कहते हैं।
- अत : प्रमाण वह ज्ञान है , जिसमें संशय , विपर्यय एवं अनध्यवसाय न हो।
- बुद्धि के अनेक भेद होने पर भी प्रधान रूप से इसके दो भेद हैं - “विद्या” और “अविद्या” , अविद्या के चार भेद है - संशय, विपर्यय, अनध्यवसाय तथा स्वप्न।
- बुद्धि के अनेक भेद होने पर भी प्रधान रूप से इसके दो भेद हैं - “विद्या” और “अविद्या” , अविद्या के चार भेद है - संशय, विपर्यय, अनध्यवसाय तथा स्वप्न।
- बुद्धि के अनेक भेद होने पर भी प्रधान रूप से इसके दो भेद हैं - “ विद्या ” और “ अविद्या ” , अविद्या के चार भेद है - संशय , विपर्यय , अनध्यवसाय तथा स्वप्न।
- बुद्धि के अनेक भेद होने पर भी प्रधान रूप से इसके दो भेद हैं - “ विद्या ” और “ अविद्या ” , अविद्या के चार भेद है - संशय , विपर्यय , अनध्यवसाय तथा स्वप्न।