अनन्तवीर्य का अर्थ
[ anentevirey ]
अनन्तवीर्य उदाहरण वाक्य
परिभाषा
विशेषण- अपार पौरुष वाला:"अनंतवीर्य राजा ही सम्राट हुआ करते थे"
पर्याय: अनंतवीर्य
- एक जैन तीर्थंकर:"अनंतवीर्य का उल्लेख जैन ग्रंथों मे मिलता है"
पर्याय: अनंतवीर्य
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- प्रमाण संग्रहभाष्य का उल्लेख स्वयं अनन्तवीर्य ने सिद्धिविनिश्चयालंकार में अनेक स्थलों पर किया है।
- गोत्रकर्म के अभाव में आत्मा का अनुरुलघुत्व गुण प्रकट होता है तथा अन्तराय के अभाव में अनन्तवीर्य आदि 5 क्षायिकलब्धि भी प्रकट होती है।
- इनके आलावा ऋषभदेव के वृषभसेन , अनन्तविजय, अनन्तवीर्य, अच्युत, वीर, वरवीर आदि ९९ पुत्र तथा ब्राम्ही और सुन्दरी नामक दो पुत्रियां भी हुई, जिनको ऋषभदेव ने सर्वप्रथम युग के आरम्भ में क्रमश: लिपिविद्या [अक्षरविद्या]और अंकविद्या का ज्ञान दिया।
- इनके आलावा ऋषभदेव के वृषभसेन , अनन्तविजय, अनन्तवीर्य, अच्युत, वीर, वरवीर आदि ९९ पुत्र तथा ब्राम्ही और सुन्दरी नामक दो पुत्रियां भी हुई, जिनको ऋषभदेव ने सर्वप्रथम युग के आरम्भ में क्रमश: लिपिविद्या 1और अंकविद्या का ज्ञान दिया।
- इनके आलावा ऋषभदेव के वृषभसेन , अनन्तविजय , अनन्तवीर्य , अच्युत , वीर , वरवीर आदि ९९ पुत्र तथा ब्राम्ही और सुन्दरी नामक दो पुत्रियां भी हुई , जिनको ऋषभदेव ने सर्वप्रथम युग के आरम्भ में क्रमश : लिपिविद्या [ अक्षरविद्या ] और अंकविद्या का ज्ञान दिया।
- इनके आलावा ऋषभदेव के वृषभसेन , अनन्तविजय , अनन्तवीर्य , अच्युत , वीर , वरवीर आदि ९९ पुत्र तथा ब्राम्ही और सुन्दरी नामक दो पुत्रियां भी हुई , जिनको ऋषभदेव ने सर्वप्रथम युग के आरम्भ में क्रमश : लिपिविद्या [ अक्षरविद्या ] और अंकविद्या का ज्ञान दिया।