अनाहतनाद का अर्थ
[ anaahetnaad ]
अनाहतनाद उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
- पुरातन भारतीय साहित्य में शब्द के अन्य दो प्रकार और भी वर्णित हैं- ( १) आहतनाद (द्रव्य माध्यम में तरंग) और (२) अनाहतनाद (पदार्थ की तरंग वृत्ति)।
- ग्रन्थ में उन अंगों का भी वर्णन है , जिनमें से प्रथम तीन में सृष्टिरहस्य , कायापरिचयय , पिंडब्रह्मांड , अनाहतनाद एवं निरंजन का विवरण है।
- ग्रन्थ में उन अंगों का भी वर्णन है , जिनमें से प्रथम तीन में सृष्टिरहस्य , कायापरिचयय , पिंडब्रह्मांड , अनाहतनाद एवं निरंजन का विवरण है।
- अनाहतनाद के श्रवण की एक प्रक्रिया “सुरत शब्द योग ' में भी अंतर्भूत है जिसमें सूरति बा शब्दोन्मुख चित्र अपने का क्रमश: नाद में लीनकर आत्मस्वरूप बन जाता है।
- अनाहतनाद के श्रवण की एक प्रक्रिया “सुरत शब्द योग ' में भी अंतर्भूत है जिसमें सूरति बा शब्दोन्मुख चित्र अपने का क्रमश: नाद में लीनकर आत्मस्वरूप बन जाता है।