अपची का अर्थ
[ apechi ]
अपची उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- वह अवस्था जब गंडमाला में गाँठे पुरानी होकर पक जाती हैं:"अपची में गंडमाला में स्थान-स्थान पर फोड़े निकल आते हैं"
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- यह गलगण्ड अपची और प्रत्येक प्रकार की कंठमाला के लिए रामबाण औषध है ।
- जीर्णवस्था ( गांठों के ज्यादा पुराने हो जाने पर ) में इन्हें अपची के नाम से जाना जाता है।
- चैनली , एक तो अपची माहौल ऊपर से इस बार सात फेरे कराने वाले पंडत ने फच्चर डाल दिया है।
- लहसुन से सिद्ध दूध पिलाने से क्षय में कफ की वृद्धि को रोकता , श्वास, कास मेंलाभदायक, गंडमाला अपची में भी हितकारी है.
- गण्डमाला की गांठे या ग्रन्थियां जब पककर एवं फूटकर एक हो जाती हैं तो नाड़ी का जख्म बन जाता है जिसे अपची कहते हैं।
- जब अपची के साथ जुकाम , खांसी व श्वास रोग , उल्टी आदि टीबी के लक्षण दृष्टिगोचर हो जाते हैं तब स्थिति असाध्य हो जाती है।
- ( १२) कण्ठमाला दूर करना-असगन्ध के ताजे पत्ते पीसकर लेप करने से गण्डमाला, ग्रन्थि शोथ, अपची दूर होती हैं तथा गरम पत्तों को पीसकर समभाग गुड़ मिलाकरबेरी के समान गोली बनाकर सुखा लें.
- गुण : अपामार्ग दस्तावर, तीक्ष्ण, अग्नि प्रदीप्त करने वाला, कड़वा, चरपरा, पाचक, रुचिकारक और वमन, कफ, मेद, वात, हृदय रोग, अफारा, बवासीर, खुजली, शूल, उदर रोग तथा अपची को नष्ट करने वाला है।
- गुण : अपामार्ग दस्तावर, तीक्ष्ण, अग्नि प्रदीप्त करने वाला, कड़वा, चरपरा, पाचक, रुचिकारक और वमन, कफ, मेद, वात, हृदय रोग, अफारा, बवासीर, खुजली, शूल, उदर रोग तथा अपची को नष्ट करने वाला है।
- इसी प्रकार अथर्ववेद में क्षत , विद्रधि, व्रण, टूटी या कटी अस्थियों को जोड़ने, कटे हुए अंग को ठीक करने, पृथक् हुए मांस मज्जा को स्वस्थ करनेवाली ओषधि से प्रार्थना की गई है रक्तस्राव के लिए पट्टी बाँधने, अपची (गले की ग्रंथि का एक रोग) के लिए वेधन छेदन आदि उपचारों का उल्लेख मिलता है।