अपन्हुति का अर्थ
[ apenhuti ]
अपन्हुति उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- काम टालने के लिए किया जाने वाला बहाना:"टालमटोल से कुछ फ़ायदा नहीं होगा"
पर्याय: टालमटोल, टाल-मटोल, टलाटली, टालमटूल, आनाकानी, अनाकानी, अनाकनी, हीलाहवाला, हीला-हवाला, हीलाहवाली, हीला-हवाली, घिसघिस, अपह्नव, अपह्नुति - किसी से कोई बात आदि गुप्त रखने या छिपाने की क्रिया या भाव:"अपनों से दुराव कैसा ? / बिना दुराव के वह अपनी बात कह बैठा"
पर्याय: दुराव, छिपाव, छुपाव, परदा, पर्दा, पोशीदगी, छद्म, चोरी, गोपन, कपट, अपज्ञान, लाग-लपेट, लागलपेट, अपहर्ता, अपहार, संगोपन, अपह्नव, अपह्नुति, तिरोधान, अंतर्भाव, अन्तर्भाव - एक अर्थालंकार :"अपह्नुति में किसी वस्तु का निषेध करके दूसरी वस्तु की स्थापना की जाती है"
पर्याय: अपह्नुति
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- योनि की विपरीत दिशा में साकेत , बालव , अपन्हुति एवम प्रोक्षणी मार्ग होता है।
- योनि की विपरीत दिशा में साकेत , बालव , अपन्हुति एवम प्रोक्षणी मार्ग होता है।
- इस कारण उनके गीतों में व्याजस्तुति , व्याजनिंदा, विभावना, व्यतिरेक, भ्रांतिमान, संदेह, विरोधाभास, अपन्हुति, प्रतीप, अनन्वय आदि अलंकारों की उपस्थति नगण्य है.
- इस कारन उनके गीतों में व्याजस्तुति , व्याजनिंदा, विभावना, व्यतिरेक, भ्रांतिमान, संदेह, विरोधाभास, अपन्हुति, प्रतीप, अनन्वय आदि अलंकारों की उपस्थति नगण्य है.
- प्रस्तुत उपमेय ' बडवाग्नि ' का प्रतिषेध कर अन्य उपमान ' शिव ' -शीश ' की स्थापना के कारण अपन्हुति है .
- इस कारन उनके गीतों में व्याजस्तुति , व्याजनिंदा , विभावना , व्यतिरेक , भ्रांतिमान , संदेह , विरोधाभास , अपन्हुति , प्रतीप , अनन्वय आदि अलंकारों की उपस्थति नगण्य है .
- इस कारन उनके गीतों में व्याजस्तुति , व्याजनिंदा , विभावना , व्यतिरेक , भ्रांतिमान , संदेह , विरोधाभास , अपन्हुति , प्रतीप , अनन्वय आदि अलंकारों की उपस्थति नगण्य है .
- मुकरी भी एक पकार की पहेली ( अपन्हुति) है पर उसमें उसका बूझ प्रश्नोत्तर के रूप में दिया गया रहता है यथा- 'ऐ सखि साजन ना सखि...।' इस प्रकार का एक बार का उत्तर देने के कारण इस तरह की अपन्हुति का नाम कह-मुकरी पड़ गया।