अभिनंदननाथ का अर्थ
[ abhinendennaath ]
अभिनंदननाथ उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- जैनियों के चौबीस तीर्थंकरों में से एक:"अभिनंदननाथ जैनधर्म के चौथे तीर्थंकर थे"
पर्याय: अभिनंदन नाथ
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- ऋषभदेव , अजितनाथ, संभवनाथ, अभिनंदननाथ और सुमतिनाथ- की
- १ ) चोथे तीर्थंकर श्री अभिनंदननाथ भगवान तप कल्याणक (अयोध्या नगरी), (उत्तरपुराण के आधार से),
- 24 तीर्थंकर ऋषभदेव , अजितनाथ , संभवनाथ , अभिनंदननाथ , सुमतिनाथ , [ ... ]
- 24 तीर्थंकर ऋषभदेव , अजितनाथ , संभवनाथ , अभिनंदननाथ , सुमतिनाथ , [ ... ]
- अतः जैनों के प्रथम तीर्थंकर अभिनंदननाथ , पांचवे तीर्थंकर सुमतिनाथ और चौदहवें तीर्थंकर अनंतनाथ का जन्म भी यहीं हुआ था।
- उसने कहा- ‘ जिस नगरी में ऋषभदेव , अजितनाथ , अभिनंदननाथ , सुमतिनाथ और अनंतनाथ जैसे पांच तीर्थंकरों ने जन्म लिया हो उसकी महिमा के क्या कहने।
- उसने कहा- ‘ जिस नगरी में ऋषभदेव , अजितनाथ , अभिनंदननाथ , सुमतिनाथ और अनंतनाथ जैसे पांच तीर्थंकरों ने जन्म लिया हो उसकी महिमा के क्या कहने।
- यह अयोध्या नगरी का पुण्य प्रताप ही है कि सूर्यवंशी राजाओं के साथ-साथ यह पाँच जैन तीर्थकारों - ऋषभदेव , अजितनाथ , संभवनाथ , अभिनंदननाथ और सुमतिनाथ- की भी जन्मस्थली बनी।
- यह अयोध्या नगरी का पुण्य प्रताप ही है कि सूर्यवंशी राजाओं के साथ-साथ यह पाँच जैन तीर्थकारों - ऋषभदेव , अजितनाथ , संभवनाथ , अभिनंदननाथ और सुमतिनाथ- की भी जन्मस्थली बनी।
- मेहता 18वीं शताब्दी के जैन भिक्षुओं की रचानाओं का उल्लेख करते हुए कहते हैं कि अयोध्या वह जगह हैं जहां पांच जैन तीर्थंकर , ऋषभदेव, अजितनाथ, अभिनंदननाथ, सुमतिनाथ और अनंतनाथ रहा करते थे.