अभ्यासयोग का अर्थ
[ abheyaaseyoga ]
अभ्यासयोग उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- जीवात्मा तथा परमात्मा का मेल:"अभ्यासयोग ही साधना की चरमावस्था है"
उदाहरण वाक्य
- तू अभ्यास रूप योग के द्वारा मुझको प्राप्त होने के लिए ' इच्छा' कर. परमात्मा को पाने की 'इच्छा' अन्य सभी इच्छाओं का अपने में समन्वय और शांत करने में समर्थ है, जो गंगा की तरह अन्ततः परमात्मा रुपी समुन्द्र में मिल जाती है.इसीलिए अभ्यासयोग (परमात्मा का मनन,जप,ध्यान आदि) बिना परमात्मा की प्राप्ति की सच्ची इच्छा के अधूरा ही है.परमात्मा को पाने के लिए अभ्यासयोग के साथ साथ बुद्धि के सद् विचार द्वारा ऐसी चाहत का ही निरंतर पोषण करते रहना चाहिये.
- तू अभ्यास रूप योग के द्वारा मुझको प्राप्त होने के लिए ' इच्छा' कर. परमात्मा को पाने की 'इच्छा' अन्य सभी इच्छाओं का अपने में समन्वय और शांत करने में समर्थ है, जो गंगा की तरह अन्ततः परमात्मा रुपी समुन्द्र में मिल जाती है.इसीलिए अभ्यासयोग (परमात्मा का मनन,जप,ध्यान आदि) बिना परमात्मा की प्राप्ति की सच्ची इच्छा के अधूरा ही है.परमात्मा को पाने के लिए अभ्यासयोग के साथ साथ बुद्धि के सद् विचार द्वारा ऐसी चाहत का ही निरंतर पोषण करते रहना चाहिये.