अमङ्गल का अर्थ
[ amengegal ]
अमङ्गल उदाहरण वाक्य
परिभाषा
विशेषणसंज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- हरो अमङ्गल मङ्गल कर दो .
- अहो ! जो अन्यान्य देवताओं के भक्त हैं अथवा उनकी भक्ति न करके निरंकुश ही हैं, परंतु श्रीकृष्ण के भक्त हैं तो उनका कहीं भी अमङ्गल नहीं होता।
- अहो ! जो अन्यान्य देवताओं के भक्त हैं अथवा उनकी भक्ति न करके निरंकुश ही हैं, परंतु श्रीकृष्ण के भक्त हैं तो उनका कहीं भी अमङ्गल नहीं होता।
- अहो ! जो अन्यान्य देवताओं के भक्त हैं अथवा उनकी भक्ति न करके निरंकुश ही हैं , परंतु श्रीकृष्ण के भक्त हैं तो उनका कहीं भी अमङ्गल नहीं होता।
- ये सब नाम सर्वज्ञ महात्मा वेद भगवान् के द्वारा ही प्रतिपादित हुए हैं॥3-5॥ जो मनुष्य अग्नि में जल रहा हो , रणभूमि में शत्रुओं से घिर गया हो, विषम संकट में फँस गया हो तथा इस प्रकार भय से आतुर होकर जो भगवती दुर्गा की शरण में प्राप्त हुए हों, उनका कभी कोई अमङ्गल नहीं होता।
- ये सब नाम सर्वज्ञ महात्मा वेद भगवान् के द्वारा ही प्रतिपादित हुए हैं॥ 3 - 5 ॥ जो मनुष्य अग्नि में जल रहा हो , रणभूमि में शत्रुओं से घिर गया हो , विषम संकट में फँस गया हो तथा इस प्रकार भय से आतुर होकर जो भगवती दुर्गा की शरण में प्राप्त हुए हों , उनका कभी कोई अमङ्गल नहीं होता।