अमृतयोग का अर्थ
[ ameriteyoga ]
अमृतयोग उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- फलित ज्योतिष के अनुसार एक योग:"अमृतयोग बहुत शुभदायक होता है"
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- अमृतयोग या सिद्धियोग कुछ काम नहीं कर पाएगा।
- इस दिन सर्वार्थसिद्धि अमृतयोग भी बन रहा है।
- अमृतयोग में सेवा हेतु अन्य अपेक्षित वस्तुयें।
- गारंटी अमृतयोग महाकुम्भ हरिद्वार में सम्पूर्ण गीता ज्ञान यज्ञ
- निम्नलिखित स्थितियों में अमृतयोग माना जाता है :
- ज्योतिष में वर्णित आनंद आदि 28 योगों में 21वाँ योग अमृतयोग है।
- केदारनाथ मंदिर में 11 सितंबर को सर्वार्थ सिद्धि अमृतयोग के दिन पुन : पूजा प्रारंभ करवाने पर आज सैद्धांतिक सहमति बन गयी।
- परंपरा और ज्योतिषीय व्यवस्था की बात कहें तो 14 अप्रैल को ही कुंभ का अमृत योग बनेगा और जब तक सूर्य मेष राशि में रहेंगे यानी 13 मई 2010 तक यह अमृतयोग बना रहेगा .
- अमृत योग गमंगलवार में भद्रा तिथि ( 2,7 ,12 ) रहने पर , 3,8 ,13 में गुरूवार रहने पर , 5,10 ,15 में रवि सोमवार रहने पर , 1,6 ,11 में बुध या शनिवार रहने पर ‘ अमृतयोग ' बनते हैं।
- इस योग के बीच अगर तिथियों का अशुभ मेल हो जाता है तो अमृतयोग नष्ट होकर विषयोग में परिवर्तित हो जाता है . सोमवार के दिन हस्त नक्षत्र होने पर जहां शुभयोग से शुभ मुहूर्त बनता है लेकिन इस दिन षष्ठी तिथि भी हो तो विषयोग बनता है.