अर्थोपमा का अर्थ
[ arethopemaa ]
अर्थोपमा उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- साहित्य में एक अलंकार जिसमें दो वस्तुओं में भेद रहते हुए भी उन्हें समान बतलाया जाता है:"चरण कमल बंदौ हरिराई में उपमा अलंकार है"
पर्याय: उपमा अलंकार, उपमालंकार, उपमा
उदाहरण वाक्य
- यास्क ने किसी प्राचीन आचार्य के उपमालक्षण का निर्देश ही नहीं किया है , प्रत्युत कर्मोपमा, भूतोपमा, रूपोपमा, सिद्धोपमा, अर्थोपमा (लुप्तोपमा) जैसे मौलिक उपमा-प्रकारों का भी दृष्टांतपुर:सर वर्णन किया है (निरुक्त 3।13-18)।
- यास्क ने किसी प्राचीन आचार्य के उपमालक्षण का निर्देश ही नहीं किया है , प्रत्युत कर्मोपमा , भूतोपमा , रूपोपमा , सिद्धोपमा , अर्थोपमा ( लुप्तोपमा ) जैसे मौलिक उपमा-प्रकारों का भी दृष्टांतपुर : सर वर्णन किया है ( निरुक्त 3 ।
- यास्क ने किसी प्राचीन आचार्य के उपमालक्षण का निर्देश ही नहीं किया है , प्रत्युत कर्मोपमा , भूतोपमा , रूपोपमा , सिद्धोपमा , अर्थोपमा ( लुप्तोपमा ) जैसे मौलिक उपमा-प्रकारों का भी दृष्टांतपुर : सर वर्णन किया है ( निरुक्त 3 ।