अर्हन का अर्थ
[ arhen ]
अर्हन उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- किसी देवी, देवता आदि पर जल, फूल आदि चढ़ाकर या उनके आगे कुछ रखकर किया जाने वाला धार्मिक कार्य:"ईश्वर की पूजा से मन को शांति मिलती है"
पर्याय: पूजा, अर्चना, पूजा-अर्चना, पूजा-पाठ, पूजा पाठ, आराधना, उपासना, पूजन, अर्चन, अभ्यर्चन, इबादत, बंदगी, बन्दगी, आराधन, अराधन, अनुराध, अभ्यर्चा, अरचन, अर्चा, अरचा, अर्हण, अर्हत, अर्ह, अरहत, अरहन, अर्हा, अवराधन - जैनियों के चौबीस उपास्य देवता जो सब देवताओं से श्रेष्ठ और मुक्तिदाता माने जाते हैं:"महावीर जैनियों के अंतिम तीर्थंकर थे"
पर्याय: तीर्थंकर, जिन, अर्हत, अर्हत्, अरहत, अरहन, जिन देव, जिनदेव, तीर्थकर
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- इसमें ' अर्हन ' और ' दया ' दानों जैनों के प्यारे शब्द हैं ।
- इसमें ' अर्हन ' और ' दया ' दानों जैनों के प्यारे शब्द हैं ।
- क्योंकि ‘ अर्हन इदं दय से विश्वमभ्वम् ' इत्यादि वेद वचनों में वह पाया जाता है।
- ऋृगवेद में भगवान की प्रार्थना में एक जगह कहा है - ' अर्हन इंद बयसे विश्त्रं अथवम् '' है अर्हन ! तुम जिस तुच्छ दिुनियाँ पर दया करते हो ।
- ऋृगवेद में भगवान की प्रार्थना में एक जगह कहा है - ' अर्हन इंद बयसे विश्त्रं अथवम् '' है अर्हन ! तुम जिस तुच्छ दिुनियाँ पर दया करते हो ।
- ऋृगवेद में भगवान की प्रार्थना में एक जगह कहा है - ' अर्हन इंद बयसे विश्त्रं अथवम् '' है अर्हन ! तुम जिस तुच्छ दिुनियाँ पर दया करते हो ।
- बृहत् शांतिधारा पाठ - ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐ अर्हं वं मं हं सं तं पं वं वं मं मं हं हं सं सं तं तं पं पं झं झ्वीं झ्वीं क्ष्वीं क्ष्वीं द्रां द्रां द्रीं द्रीं द्रावय-द्रावय नमोऽर्हते भगवते श्रीमते ! ॐ ह्रीं क्रों मम पापं खण्डय खण्डय जहि-जहि दह-दह पच-पच पाचय पाचय ॐ नमो अर्हन झं झ्वीं क्ष्वीं हं सं झं वं ह्व: प: ह: क्षां क्षीं क्षूं क्षें क्षैं क्षों क्षौं क्षं क्ष: