अवर्ग का अर्थ
[ averga ]
अवर्ग उदाहरण वाक्य
परिभाषा
विशेषण- बिना वर्ग का:"कई वर्गों वाले इस देश में वर्गहीन समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती"
पर्याय: वर्गहीन, वर्गरहित
- अ अक्षर या उसकी मात्रा:"प्रायः हिन्दी शब्दों में अंतिम अक्षर अकार होता है"
पर्याय: अकार, अकार अक्षर, अवर्ण - सब स्वर वर्ण:"अवर्ग में तेरह वर्ण हैं"
पर्याय: अवर्ण
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- अवर्ग , कवर्ग , ह , विसर्ग कण्ठ
- नौ स्वरों को वर्ग और अवर्ग के क्रमश : दो नौ स्थानों पर।”
- नौ स्वरों को वर्ग और अवर्ग के क्रमश : दो नौ स्थानों पर। ”
- कुछ वीर रस के वर्णनों में ओज उत्पन्न करने के लिए अवश्य अवर्ग युक्त शब्द प्रयुक्त हुए हैं।
- “ ' क ' से प्रारम्भ कर वर्ग अक्षरों को वर्ग स्थान पर रखें और अवर्ग अक्षरों को अवर्ग स्थान पर।
- “ ' क ' से प्रारम्भ कर वर्ग अक्षरों को वर्ग स्थान पर रखें और अवर्ग अक्षरों को अवर्ग स्थान पर।
- उन्हों ने लिखा : “ 'क' से प्रारम्भ कर वर्ग अक्षरों को वर्ग स्थान पर रखें और अवर्ग अक्षरों को अवर्ग स्थान पर।
- उन्हों ने लिखा : “ 'क' से प्रारम्भ कर वर्ग अक्षरों को वर्ग स्थान पर रखें और अवर्ग अक्षरों को अवर्ग स्थान पर।
- यह क्रम अवर्ग , कवर्ग , चवर्ग , टवर्ग , तवर्ग , पवर्ग , यवर्ग और शवर्ग नामक आठ वर्गों का होता है।
- ‘महाप्रज्ञ ' ठीक कह गए -“अहिंसा नहीं बन्दूक की/व्रत की सहज संस्कृति है/ असंतुलन में संतुलन का अहिंसा संबोध जगाती है / अहिंसा कोई शस्त्र नहीं/ कवच है आत्म रक्षा का/ सृजन का मार्ग है अहिंसा/ विकृति मे निज संस्कृति से अवगत कराती है अहिंसा/ वर्ग को अवर्ग बनाने की अहिंसा एक प्रणाली है” ।......सावधान आगे विकट मोड़ है ।