अव्यापक का अर्थ
[ aveyaapek ]
अव्यापक उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- जो धर्म साध्य का व्यापक हो तथा साधन का अव्यापक हो उसे उपाधि कहते हैं।
- प्रत्येक वस्तु में रहनेवाला तथा अव्यापक जो सामान्य हो , वह “अपर सामान्य” या “सामान्य विशेष” कहा जाता है।
- इसी लिए साध्य का जो समव्याप्त हो तथा साधन का अव्यापक हो उसे भी उपाधि कह सकते हैं।
- प्रत्येक वस्तु में रहनेवाला तथा अव्यापक जो सामान्य हो , वह “अपर सामान्य” या “सामान्य विशेष” कहा जाता है।
- घटत्व साधन का अव्यापक होने पर भी साध्य-अनित्यत्व का व्यापक नहीं है अत : अतिव्याप्ति का सरलता से निरास हो जाता है।
- यदि साधनाव्यापकत्व विशेषण उपाधि के लक्षण में दे दें तो कार्यत्व अनित्यत्व के व्यापक होने पर भी कार्यत्व का अव्यापक नहीं है।
- प्रत्येक वस्तु में रहनेवाला तथा अव्यापक जो सामान्य हो , वह “ अपर सामान्य ” या “ सामान्य विशेष ” कहा जाता है।
- अनुमान के स्थल में जो पदार्थ साध्य का व्यापक हो और साधन का अव्यापक है उसे ‘ उपाधि ' [ 79 ] कहते हैं।
- अन्तत : प्रस्तुत सन्दर्भ में आर्द्र ईंधन संयोग के साध्य का व्यापक एवं साधन के अव्यापक होने के कारण गीली लकड़ी के संयोग को उपाधि की संज्ञा से विभूषित किया जाता है।
- इसी प्रकार जहाँ-जहाँ आग रूप हेतु होता है वहाँ-वहाँ गीली लकड़ी का संयोग नहीं होता है , अत : गीली लकड़ी का संयोग साधन का व्यापक नहीं है अर्थात अव्यापक है यह सिद्ध हो जाता है।