असङ्ग का अर्थ
[ asengega ]
असङ्ग उदाहरण वाक्य
परिभाषा
विशेषण- जिसके साथ कोई और न हो:"वह एकाकी जीवन व्यतीत कर रहा है"
पर्याय: एकाकी, तनहा, तन्हा, अकेला, एकंग, एक्का, इक्का, एकक, अद्वैत, निहंग, निहंगम, धंधार, अयुग्म, असंग, निस्संग, निःसंग, इकला, इकेला, इकलंत, इकल्ला, इकसर, इकौंसा, इकौसा - / मेरा घर उसके घर से अलग है"
पर्याय: असंयुक्त, असंयोजित, असंबद्ध, अलग, विलग, वियुक्त, अजुड़ा, अजोड़, पृथक्, जुदा, पृथक, अयुक्त, अमिलित, अपृक्त, अश्लिष्ट, अयुत, असंग, असंलग्न, असंश्लिष्ट, असंसक्त, असंसृष्ट, असंहत
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- में , असङ्ग - शरीर का संग नहीं होता, च
- में , असङ्ग - शरीर का संग नहीं होता, च
- - यद्यपि चेतन शक्ति ( पुरुष) क्रिया से रहित और असङ्ग है तो
- अतः आत्मा को भूत एवं इन्द्रिय आदि अनात्मप्रपञ्चसे सर्वथा असङ्ग अनुभव करना ही
- अतः आत्मा को भूत एवं इन्द्रिय आदि अनात्मप्रपञ्चसे सर्वथा असङ्ग अनुभव करना ही अमरत्व-प्राप्तिका एकमात्र साधन है।
- अतः आत्मा को भूत एवं इन्द्रिय आदि अनात्मप्रपञ्चसे सर्वथा असङ्ग अनुभव करना ही अमरत्व-प्राप्तिका एकमात्र साधन है।
- अश्वघोष , आर्यदेव , वसबन्धु , असङ्ग एवं दिङ्गनाग जैसे धुरन्धर विद्वान यहीं पाटलिपुत्र में रहते थे।
- अश्वघोष , आर्यदेव , वसबन्धु , असङ्ग एवं दिङ्गनाग जैसे धुरन्धर विद्वान यहीं पाटलिपुत्र में रहते थे।
- अतः आत्मा को भूत एवं इन्द्रिय आदि अनात्मप्रपञ्चसे सर्वथा असङ्ग अनुभव करना ही अमरत्व-प्राप्तिका एकमात्र साधन है।
- * आर्य असङ्ग , वसुबन्धु आदि आगमानुयायी तथा आचार्य दिङ्नाग , [[ धर्मकीर्ति बौद्धाचार्य | धर्मकीर्ति ]] आदि युक्ति-विज्ञानवादी हैं।