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अहेतु का अर्थ

[ ahetu ]
अहेतु उदाहरण वाक्य

परिभाषा

क्रिया-विशेषण
  1. / मेहमानों के न आने से मेरा सारा खाना व्यर्थ हो गया"
    पर्याय: व्यर्थ, फ़जूल, फिजूल, फ़िजूल, बेकार, अनेरा, यों ही, वृथा, अपार्थ, बाद-हवाई, बादहवाई, अहेतुक, अविरथा
विशेषण
  1. बिना कारण का:"अकारण चिंता से क्या फायदा"
    पर्याय: अकारण, अनिमित्त, अनिमित्तक, अहेतुक
संज्ञा
  1. साहित्य में एक काव्यालंकार:"अहेतु वहाँ होता है जहाँ कारणों के होने पर भी कार्य नहीं होता है"

उदाहरण वाक्य

अधिक:   आगे
  1. खास तौर से वह प्रेम जो अहेतु हो।
  2. खास तौर से वह प्रेम जो अहेतु हो।
  3. दो प्रकार के पदार्थ है हेतु गम्य और अहेतु गम्य।
  4. भगवान् भोले नाथ हम सभी पर अपनी अहेतु की कृपा बरसायें , इसी शुभ कामना के साथ ॐ नमः शिवाय
  5. पूज्य बापू जी ने मोदीनगर के श्रद्धालुओं पर अपनी अहेतु की कृपा कर दिनांक ५ जून २००९ को एक सत्र का सत्संग कार्यक्रम प्रदान कर दिया है।
  6. संबन्धित विषय के वांग्मय को यदि आस्था और धैर्य से टटोलें तो हर जगह यह अवष्य पाएंगे कि परमसत्ता , उसके नियमों तथा उसकी अहेतु की कृपा से व्यक्ति को कहीं भी विमुख नहीं रखा गया है।
  7. उसमें अलंकार होगा - वस्तुत्प्रेक्षा 94 वस्तुत्प्रेक्षा अलंकार के उदाहरण है - - लखत मंजु मुनि मण्डली मध्य सीय रघुचंद , ज्ञानसभा जनु तनु धरे भगति सच्चिानंद - जनु ग्रह दशा दूसह दुखदायी - हरि मुख मानो मधुर मयंक 95 हेतुत्प्रेक्षा अलंकार कहा जाता है - इसमें अहेतु में हेतु की संभावना की जाती है , जो हेतु नहीं है उसे हेतु मान लिया जाता है।
  8. कृपा कारण विहीन है , बिना योग्यता के - अहेतु की कृपा | यह किसी कारण या योग्यता से नहीं पाई जाती | कृपा बिना शर्तों के मिलती है | ऐसा नहीं है कि कुछ करने के उपरान्त ही आपको कृपा प्राप्त होगी ; तब वो कृपा नहीं , व्यवसाय है | आपको कृपा का आशीर्वाद ऐसे ही मिलता है - बिना किसी भी शर्त के | कृपा सदैव रहती है | बस इसके प्रति जागरूक रहिये और जानिये कि आप पर कृपा की वर्षा हो रही है |


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