आचरज का अर्थ
[ aacherj ]
आचरज उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- मन का वह भाव जो किसी नई, विलक्षण या असाधारण बात को देखने, सुनने या ध्यान में आने से उत्पन्न होता है:"आश्चर्य की बात यह है कि इतनी बड़ी ख़बर सुनकर भी उन्होनें कोई प्रतिक्रिया नहीं की"
पर्याय: आश्चर्य, अचंभा, अचम्भा, अचरज, ताज्जुब, ताज़्जुब, विस्मय, हैरत, हैरानी, अचंभव, अचम्भव, अचंभो, अचम्भो, अचंभौ, अचम्भौ, तअज्जुब, कौतुक, इचरज
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- रहने को आचरज है , गये अचंभा कौन।
- रहने को आचरज है , गये अचंभा कौन।
- रहिबे को है आचरज , गए अचम्भा कौन !
- सुनि आचरज करै जनि कोई ।
- देख राम तन हुआ आचरज | ऐसी माया रचते करुणाकर ||
- बीदासर से थोड़ा पहले सड़क के किनारे हिरनो को घास चरते हुए देख कर आचरज हुआ .
- बीदासर से थोड़ा पहले सड़क के किनारे हिरनो को घास चरते हुए देख कर आचरज हुआ .
- भगवान सदाशिव ने कहा - गोस्वामीजी लिखते हैं - “शिव समुझाये देव सब , जनि आचरज भुलाहू ।
- तब - “ विधिहि भयऊ आचरज विसेखी , निज करनी कछु कतऊ नहि देखी ॥” उस समय देवाधिदेव महादेवजी ने सबको समझाया ।
- यह बड़ी आचरज की बात है की हमारे देश के सम्मानित लोग और उच्च अधिकारी वर्ग हवाई अड्डों पर बनाई सुरक्षा जाच व्यवस्था का सम्मान करने बजाए उन नियमों का पालन न करने में गर्व महसूस करते हैं .