आजानु का अर्थ
[ aajaanu ]
आजानु उदाहरण वाक्य
परिभाषा
विशेषण- / महात्माजी की बाहुएँ आजानु थीं"
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- आजानु बाहु ऊंची करके , वे बोले, “रक्त मुझे देना.
- वे आजानु बाहु एकदम शिथिल हो गये , सारा उत्साह झप् से बुझ गया .
- उसके काले-काले केश दो भागों में विभक्त होकर गर्दन से वक्ष पर और वक्षःस् थल से आजानु प्रलंबित होते।
- गौर वर्ण दुबलीपतली छरहरी काया , आजानु बाहु, सुती हुई लंबी नासिका, उन्नत ललाट एवं ओजस्वी मुखारविन्द को देखकर योगिराज पुलकित हो उठे।
- गौर वर्ण दुबलीपतली छरहरी काया , आजानु बाहु, सुती हुई लंबी नासिका, उन्नत ललाट एवं ओजस्वी मुखारविन्द को देखकर योगिराज पुलकित हो उठे।
- कानी आँखवाला साधु न होगा , आजानु लंबबाहु अर्थात् जिसका हाथ इतना लंबा हो कि खड़े होने पर घुटने तक छू जाए वह बड़ा वीर , विक्रांत , दानी , उदारप्रकृतिवाला होगा , स्त्रियों में जिसके शरीर में रोंआं अधिक हो वह चंडी , कलहप्रिया , महाकर्कशा होगी और जल् द विधवा हो जायगी इत् यादि।
- कानी आँखवाला साधु न होगा , आजानु लंबबाहु अर्थात् जिसका हाथ इतना लंबा हो कि खड़े होने पर घुटने तक छू जाए वह बड़ा वीर , विक्रांत , दानी , उदारप्रकृतिवाला होगा , स्त्रियों में जिसके शरीर में रोंआं अधिक हो वह चंडी , कलहप्रिया , महाकर्कशा होगी और जल् द विधवा हो जायगी इत् यादि।
- उनका ६ फुट - center > पृष्ठ ३ ० / center > - ९ इंच लम्बा सुन्दर शरीर , आजानु विशाल बाहु , उभरी हुई चौड़ी छाती , मोटी-मोटी जंघायें , सुती हुई कड़ी पिंडलियां , तेजोमय विशाल ललाट , सुन्दर चमकीली आंखें , वज्रसम सघन सुविभक्त ओजपरिपूरित दर्शनीय सुन्दर शरीर की छवि विरोधी के मन में भी अगाध श्रद्धा पैदा करती थी ।
- उनका ६ फुट - center > पृष्ठ ३ ० / center > - ९ इंच लम्बा सुन्दर शरीर , आजानु विशाल बाहु , उभरी हुई चौड़ी छाती , मोटी-मोटी जंघायें , सुती हुई कड़ी पिंडलियां , तेजोमय विशाल ललाट , सुन्दर चमकीली आंखें , वज्रसम सघन सुविभक्त ओजपरिपूरित दर्शनीय सुन्दर शरीर की छवि विरोधी के मन में भी अगाध श्रद्धा पैदा करती थी ।