आतापी का अर्थ
[ aataapi ]
आतापी उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- यात्रियों के पेट में जब भोजन चला जाता तो इलविल कहता - आतापी , वातापी बाहर आओं ।
- जब मुनि इस स्थान पर वास कर रहे थे तो उस क्षेत्र में आतापी तथा वातापी नामक दो दैत्य भाइयों ने अत्यंत आतंक फैला रखा था।
- महर्षि अगस्त्य जब इस स्थान यानी अगस्त्यमुनि रुद्रप्रयाग पर वास कर रहे थे तो उस क्षेत्र में आतापी तथा वातापी नामक दो दैत्य भाइयों ने अत्यंत आतंक फैला रखा था।
- उन्होने भोजन किया और एक लंबी डकार ली तब आदतन इलविल ने कहा - आतापी , वातापी बाहर आओं परंतु न ऋषिवर का पेट फटा और न आतापी , वातापी बाहर निकले ।
- उन्होने भोजन किया और एक लंबी डकार ली तब आदतन इलविल ने कहा - आतापी , वातापी बाहर आओं परंतु न ऋषिवर का पेट फटा और न आतापी , वातापी बाहर निकले ।
- आने - जाने वाले यात्रियों को बड़े प्रेम से बुलाता और भोजन को आमंत्रित करता , पर जो यात्री अंदर जाते उसे बाहर आते कोई नहीं देख पाता कारण था कि भोजनालाय का मालिक असुर जाति का था और उसके दो सहायक थे जिंका नाम आतापी और वातापी था ।
- इसके अतिरिक्त एक बार आतापी और वातापी राक्षसों का अंत करने के लिए उन्होंने देवी का आहवान किया था उनकी तपस्या से प्रसन्न हो देवी ने कूर्मासना रुप में अवतार लेकर दैत्य का अंत किया और इस कारण यहां पर ऋषि के मंदिर के समीप ही देवी का मन्दिर भी है .