आतिवाहिक का अर्थ
[ aativaahik ]
आतिवाहिक उदाहरण वाक्य
परिभाषा
विशेषण- आत्मा के एक शरीर से निकलने पर उसे दूसरे शरीर में ले जाने वाला:"यम को आतिवाहिक देव कहा जाता है"
- मरने के बाद प्राप्त होनेवाला वह लिंग शरीर जिसे धारणकर जीव यमलोक में जाता है:"कहा जाता है कि आतिवाहिक को लेने यमदूत आते हैं"
- उपनिषदों के अनुसार वे देवता जो आत्मा को एक शरीर से दूसरे शरीर में पहुँचाते हैं:"वहाँ आतिवाहिकों की पूजा हो रही है"
- पाताल में रहनेवाला व्यक्ति:"विष्णुपुराण के अनुसार कुछ दानव एवं नागगण पातालनिवासी हैं"
पर्याय: पातालनिवासी, पाताल निवासी
उदाहरण वाक्य
- इसके साथ ही दशमात्र में दिए जाने वाले दस पिंडों से जीव को आतिवाहिक सूक्ष्म शरीर की प्राप्ति होती है।
- ● अतिवहनम्-अतिवाहः अर्थात् धूम , अर्चिरादि मार्गों के अभिमानी देवताओं द्वारा परलोक में पहुँचाना , उक्त कर्म में जो दक्षहै , वह आतिवाहिक कहलाता है।
- आतिवाहिक ( ● ) नामक चित्त , अहंकार , मन , बुद्धि , दस इन्द्रियों और प्राण से घटित वासनामय सूक्ष्मशरीर से अपने हृदयरूपी आकाश ही वासनामय त्रिजगत का अनुभव करता है और भ्रान्ति से वासनामय तत्-तत् शरीरों को क्रमशः प्राप्त होता है।
- जीवात्मा इतना सूक्ष्म होता है कि जब वह शरीर से निकलता है , उस समय कोई भी मनुष्य अपने चर्मचक्षुओं से देख नहीं सकता और यही जीवात्मा अपने कर्मों के भोगों को भोगने के लिये एक अंगुष्ठपर्व परिमित आतिवाहिक सूक्ष्म ( अतीन्द्रिय ) शरीर धारण करता है- ‘ तत्क्षणात् सोऽथ गृह्णाति शारीरं चातिवाहिकम्।
- साथ ही यह बात ध्यान देने योग्य है कि केवल मनुष्य ही मृत्यु के पश्चात् एक ‘ आतिवाहिक ' सूक्ष्म ( अतीन्द्रिय ) शरीर धारण करते हैं और उसी शरीर को यम पुरुषों के द्वारा याम्यपथ से यमराज के पास ले जाया जाता है , अन्य प्राणियों को नहीं ; क्योंकि अन्य प्राणियों का यह सूक्ष्म शरीर प्राप्त ही नहीं होता , वे तो तत्काल दूसरी योनियों में जन्म पा जाते हैं।