आत्मनेपद का अर्थ
[ aatemneped ]
आत्मनेपद उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- संस्कृत व्याकरण में धातु में लगने वाले दो प्रत्ययों में से एक के लगने पर मिलने वाला वह क्रिया पद जिसके कार्य का फल स्वयं को मिलता है:"राज् धातु में ते प्रत्यय लगाने पर मिला राजते आत्मनेपद है"
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- ” ( आत्मनेपद , पृ .164 ) ।
- ” ( आत्मनेपद ; पृ .242 ) ।
- ” ( आत्मनेपद ; पृ .163 ) ।
- ( आत्मनेपद ; पृ .164 ) ।
- ( आत्मनेपद ; पृ .242 ) ।
- निबंध संग्रह : सबरंग, त्रिशंकु, आत्मनेपद, आधुनिक
- [ आत्मनेपद , अज्ञेय, लेख - हिन्दी पाठक के नाम।
- ( 7 ) आत्मनेपद लुप्तप्राय है।
- जिसका भावार्थ यह हैं कि ' उपनयीत' इस क्रियापद में जो 'आत्मनेपद'
- निबंध संग्रह : सबरंग, त्रिशंकु, आत्मनेपद, आधुनिक साहित्य: एक आधुनिक परिदृश्य, आलवाल,