आन्त्रवृद्धि का अर्थ
[ aanetrevridedhi ]
आन्त्रवृद्धि उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- आँत का एक रोग जिसमें वंक्षण छिद्र पर आँत बाहर को निकल आती है:"हर्निया में आँत बढ़ जाती है"
पर्याय: आंत्रवृद्धि, आँतवृद्धि, अंत्रवृद्धि, अन्त्रवृद्धि, हर्निया, वंक्षण-हर्निया
उदाहरण वाक्य
- 52 आन्त्रवृद्धि : : - अजवाइन का रस 20 बूंद और पोदीने का रस 20 बूंद पानी में मिलाकर पीने से आन्त्रवृद्धि में लाभ होता है।
- 52 आन्त्रवृद्धि : : - अजवाइन का रस 20 बूंद और पोदीने का रस 20 बूंद पानी में मिलाकर पीने से आन्त्रवृद्धि में लाभ होता है।
- चेहरे पर चमक आती है और पित्तज्वर , रक्तपित्त , प्यास , जलन , टी . बी . , प्रदर , कमजोरी , उल्टी , खांसी , दमा , आवाज का खराब होना , आन्त्रवृद्धि , पित्तज्वर , खांसी , श्वास ( दमा ) और स्वरभेद ( आवाज का खराब होना ) आदि रोगों से धीरे-धीरे छुटकारा मिलता है।
- चेहरे पर चमक आती है और पित्तज्वर , रक्तपित्त , प्यास , जलन , टी . बी . , प्रदर , कमजोरी , उल्टी , खांसी , दमा , आवाज का खराब होना , आन्त्रवृद्धि , पित्तज्वर , खांसी , श्वास ( दमा ) और स्वरभेद ( आवाज का खराब होना ) आदि रोगों से धीरे-धीरे छुटकारा मिलता है।