आर्त्तव का अर्थ
[ aarettev ]
आर्त्तव उदाहरण वाक्य
परिभाषा
विशेषणसंज्ञाउदाहरण वाक्य
- 21 . आर्त्तव जनन ( मासिक-धर्म को लाना ) :
- 21 . आर्त्तव जनन ( मासिक-धर्म को लाना ) :
- तदनुसार विश्वसृष्टि एक महायज्ञ है , जिसमें तपस्या गृहपति , ब्रह्म ( वैदिक ज्ञानराशि ) ब्रह्मा , हरा गृहपत्नी , अमृत उद्गाता , भूतकाल प्रस्तोता , भविष्यत्काल प्रतिहर्ता , ॠतुएँ उपगाता , आर्त्तव वस्तुएँ सदस्य , सत्य होता , ॠत मैत्रावरुण , ओज ब्राह्मणच्छंसी , त्विषि और अपचिति क्रमश : नेष्टा और पोता , यश अच्छावाक , अग्नि अग्नीत् , भग ग्रावस्तुत , अक्र उन्नेता , वाक् सुब्रह्यण्य , प्राण अध्वर्यु , अपान प्रतिप्रस्थाता , दिष्टि विशास्ता , बल ध्रुवगोप , आशा हविष्य , अहोरात्र इध्मवाह और मृत्यु शमितास्वरूप हैं।
- तदनुसार विश्वसृष्टि एक महायज्ञ है , जिसमें तपस्या गृहपति , ब्रह्म ( वैदिक ज्ञानराशि ) ब्रह्मा , हरा गृहपत्नी , अमृत उद्गाता , भूतकाल प्रस्तोता , भविष्यत्काल प्रतिहर्ता , ॠतुएँ उपगाता , आर्त्तव वस्तुएँ सदस्य , सत्य होता , ॠत मैत्रावरुण , ओज ब्राह्मणच्छंसी , त्विषि और अपचिति क्रमश : नेष्टा और पोता , यश अच्छावाक , अग्नि अग्नीत् , भग ग्रावस्तुत , अक्र उन्नेता , वाक् सुब्रह्यण्य , प्राण अध्वर्यु , अपान प्रतिप्रस्थाता , दिष्टि विशास्ता , बल ध्रुवगोप , आशा हविष्य , अहोरात्र इध्मवाह और मृत्यु शमितास्वरूप हैं।