आवेज़ा का अर्थ
[ aaveja ]
आवेज़ा उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- जब भी आवेज़ा उलझे बालों में मुस्कुराके बस इतना सा कह दो आह चुभता है ये अलग कर दो
- जब भी आवेज़ा उलझे बालों में मुस्कुराके बस इतना सा कह दो ' आह , चुभता है ये अलग कर दो '
- उन का आंचल है िक रुखसार िक पैराहन है कुछ तो है िजस से हुई जाती है िचलमन रंगीन जाने उस ज़ुल्फ़ िक मौहूम घनी छावं में िटमिटमाता है वो आवेज़ा अभी तक के नही
- उनका आँचल है कि रुख़सार के पैराहन हैं , कुछ तो है जिससे हुई जाती है चिलमन रंगीं , जाने उस ज़ुल्फ़ की मौहूम घनी छांवों में , टिमटिमाता है वो आवेज़ा अभी तक कि नहीं ||
- जब भी आवेज़ा उलझे बालों में मुस्कुराके बस इतना सा कह दो आह चुभता है ये अलग कर दो मुझको इतने से काम पे रख लो . ... जब ग़रारे में पाँव फँस जाए या दुपट्टा किवाड़ में अटके एक नज़र देख लो तो काफ़ी है ....मुझको इतने से काम पे रख लो॥
- गुल हुई जाती है अफ़्सुर्दा सुलगती हुई शाम धुल के निकलेगी अभी चश्मा-ए महताब से रात और मुश्ताक़ निगाहों से सुनी जाएगी और उन हाथों से मस होंगे यह तरसे हुए हाथ उनका आँचल है कि रूख़सार कि पैराहन है कुछ तो है जिससे हुई जाती है चिलमन रंगीं जाने उस ज़ुल्फ़ की मौहूम घनी छाओं में टिमटिमाता है वो आवेज़ा अभी तक कि नहीं
- 80 . इस इन्सान ( मनुष्य ) से भी ज़ियादा अजीब ( अधिक विचित्र ) गोश्त ( मांस ) का एक लोथड़ा है जो उस की एक रग के साथ आवेज़ा कर ( टांग , लटका ) दिया गया है और वह दिल ( हृदय ) है जिस में हिक्मत व दानाई के ज़खीरे ( बुद्घि क्षान के भण्डार ) है , और इस के बरखिलाफ़ ( विपरीत ) सिफ़तें ( गुण ) भी पाई जाती हैं।