आषाढ़ा का अर्थ
[ aasaadha ]
आषाढ़ा उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- पूर्वाषाढ़ा तथा उत्तराषाढ़ा नक्षत्र:"आषाढ़ा संयुक्त रूप से बीसवें तथा इक्कीसवें नक्षत्र का नाम है"
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- कृतिका , उत्तर फाल्गुणी व उत्तर आषाढ़ा इसके नक्षत्र हैं।
- उत्तरा आषाढ़ा एवं श्रवण की कुछ घटियों से अभिजित नक्षत्र का नाम देकर 28 नक्षत्र भी कहीं कहीं ज्योतिष शास्त्र में प्रयुक्त होने लगे।
- किन्तु फाल्गुनी आषाढ़ा और भाद्रप्रद तीन नक्षत्रों के दो-दो बराबर भाग करके पूर्वा एवं उत्तरा तीन नक्षत्र और बढ़ाकर 27 की संख्या कर दी गयी।
- साथ ही सब क्रूर नक्षत्रों अर्थात पूर्वाफाल्गुनी , पूर्वा आषाढ़ा , पूर्वा भाद्रपद , भरणी व मघा आदि नक्षत्रों के अतिरिक्त तीक्ष्ण नक्षत्र अर्थात ( मूल , ज्येष्ठा , आद्र्रा व आश्लेषा और रेवती ) को भी त्याग देना चाहिए।
- ' चित्रायुक्त पूर्णमासी से चैत ' , जी हां , हिंदी महीनों के नाम इसी तरह आगे बढ़ते हुए नक्षत्रों के नाम पर- विशाखा से बैसाख , ज् येष् ठा से जेठ , आषाढ़ा ( पूर्वा और उत् तरा ) से आषाढ़ आदि है .
- ' चित्रायुक्त पूर्णमासी से चैत ' , जी हां , हिंदी महीनों के नाम इसी तरह आगे बढ़ते हुए नक्षत्रों के नाम पर- विशाखा से बैसाख , ज् येष् ठा से जेठ , आषाढ़ा ( पूर्वा और उत् तरा ) से आषाढ़ आदि है .
- चित्रा , विशाखा , ज्येष्ठा , आषाढ़ा , श्रवण , भाद्रपदा , अश्विनी , कृत्तिका , मृगशिरा , पुष्य , मघा और फाल्गुनी नक्षत्रों के अनुसार ही चन्द्र मासों के नाम क्रमश : चैत्र , वैशाख , ज्येष्ठ , आषाढ़ , श्रावण , भाद्रपद , आश्विन , कार्तिक , मार्गशीर्ष , पौष , माघ और फाल्गुन होते हैं।
- चित्रा , विशाखा , ज्येष्ठा , आषाढ़ा , श्रवण , भाद्रपदा , अश्विनी , कृत्तिका , मृगशिरा , पुष्य , मघा और फाल्गुनी नक्षत्रों के अनुसार ही चन्द्र मासों के नाम क्रमश : चैत्र , वैशाख , ज्येष्ठ , आषाढ़ , श्रावण , भाद्रपद , आश्विन , कार्तिक , मार्गशीर्ष , पौष , माघ और फाल्गुन होते हैं।
- चित्रा नक्षत्र के नाम पर चैत्र मास ( मार्च-अप्रैल), विशाखा नक्षत्र के नाम पर वैशाख मास (अप्रैल-मई), ज्येष्ठा नक्षत्र के नाम पर ज्येष्ठ मास (मई-जून), आषाढ़ा नक्षत्र के नाम पर आषाढ़ मास (जून-जुलाई), श्रवण नक्षत्र के नाम पर श्रावण मास (जुलाई-अगस्त), भाद्रपद (भाद्रा) नक्षत्र के नाम पर भाद्रपद मास (अगस्त-सितम्बर), अश्विनी के नाम पर आश्विन मास (सितम्बर-अक्तूबर), कृत्तिका के नाम पर कार्तिक मास (अक्तूबर-नवम्बर), मृगशीर्ष के नाम पर मार्गशीर्ष (नवम्बर-दिसम्बर), पुष्य के नाम पर पौष (दिसम्बर-जनवरी), मघा के नाम पर माघ (जनवरी-फरवरी) तथा फाल्गुनी नक्षत्र के नाम पर फाल्गुन मास (फरवरी-मार्च) का नामकरण हुआ है।
- चित्रा नक्षत्र के नाम पर चैत्र मास ( मार्च-अप्रैल), विशाखा नक्षत्र के नाम पर वैशाख मास (अप्रैल-मई), ज्येष्ठा नक्षत्र के नाम पर ज्येष्ठ मास (मई-जून), आषाढ़ा नक्षत्र के नाम पर आषाढ़ मास (जून-जुलाई), श्रवण नक्षत्र के नाम पर श्रावण मास (जुलाई-अगस्त), भाद्रपद (भाद्रा) नक्षत्र के नाम पर भाद्रपद मास (अगस्त-सितम्बर), अश्विनी के नाम पर आश्विन मास (सितम्बर-अक्तूबर), कृत्तिका के नाम पर कार्तिक मास (अक्तूबर-नवम्बर), मृगशीर्ष के नाम पर मार्गशीर्ष (नवम्बर-दिसम्बर), पुष्य के नाम पर पौष (दिसम्बर-जनवरी), मघा के नाम पर माघ (जनवरी-फरवरी) तथा फाल्गुनी नक्षत्र के नाम पर फाल्गुन मास (फरवरी-मार्च) का नामकरण हुआ है।