इस्राफ का अर्थ
[ iseraaf ]
इस्राफ उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- व्यर्थ और अधिक खर्च या अनावश्यक खर्च :"अपव्यय से बचना चाहिए"
पर्याय: अपव्यय, फिजूलखर्च, फ़िजूलख़र्च, फजूलखर्च, फ़िज़ूलख़र्च, फ़ज़ूलख़र्च, फुजूलखर्च, फिजूलखर्ची, फ़िज़ूलख़र्ची, फजूलखर्ची, फ़ज़ूलख़र्ची, फुजूलखर्ची, इलाहीखर्च, इलाही खर्च, इलाही-खर्च, इस्राफ़, इसराफ, इसराफ़ - बुरे कामों में खर्च:"धन का अपव्यय उचित नहीं है"
पर्याय: अपव्यय, फिजूलखर्च, फ़िज़ूलख़र्च, फजूलखर्च, फ़ज़ूलख़र्च, फुजूलखर्च, फिजूलखर्ची, फ़िजूलख़र्च, फ़िज़ूलख़र्ची, फजूलखर्ची, फ़ज़ूलख़र्ची, फुजूलखर्ची, इस्राफ़, इसराफ, इसराफ़
उदाहरण वाक्य
- और हर चीज़ के अंदर यह इस्राफ और अपव्यय इस जीवन की बुराईयों में से है , अतः मोमिन व्यक्ति अपने सभी मामलों में औसत को बरकरार रखता है , और ईमान वाली महिला सभी मामलों में मियानारवी ( मध्यस्थता ) अपनाती है।
- जिन घरों में जोड़े , दहेज़ का हराम माल जमा हो, जिस घर में सूद और रिश्वत का माल जमा हो जब तक की बहुत मजबूरी न हो, सूद पर घर, गाडी और दूसरी चीज़ें जमा की गई हों , जिस कमाई के लिए झूट बोलना जाएज़ कर लिया गया हो, जिन घरों में माल का इस्राफ करने के लिए ऐसे ऐसे काम इजाद कर लिए गए हों जिन को न अल्लाह के रसूल (
- जिन घरों में जोड़े , दहेज़ का हराम माल जमा हो, जिस घर में सूद और रिश्वत का माल जमा हो जब तक की बहुत मजबूरी न हो, सूद पर घर, गाडी और दूसरी चीज़ें जमा की गई हों , जिस कमाई के लिए झूट बोलना जाएज़ कर लिया गया हो, जिन घरों में माल का इस्राफ करने के लिए ऐसे ऐसे काम इजाद कर लिए गए हों जिन को न अल्लाह के रसूल (صلي الله عليه وسلم)