उच्छू का अर्थ
[ uchechhu ]
उच्छू उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- गले में कोई चीज फँसने अथवा नाक में पानी चढ़ जाने से आनेवाली एक प्रकार की खाँसी:"उच्छू के साथ ही मच्छर नाक से बाहर निकल गया"
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- यहाँ हर घूंट के साथ उच्छू है और हर लुक़्मे के साथ गले का फ़न्दा।
- यक़ीनन वह उसकी गुज़गाह और उसकी गरदन में उच्छू लगने की जगह पर उसकी ताक में है।
- जहां हर घूंट के साथ उच्छू है और हर लुक़में में गुलीगीर ( गले में फंसने वाला ) फंदा है।
- यह पानी बड़ा गन्दा है और इसका लुक़मे में उच्छू लग जाने का ख़तरा है और याद रखो के नावक़्त ( बेवक़्त ) फल चुनने वाला ऐसा ही है जैसे नामुनासिब ज़मीन में ज़राअत करने वाला।
- 418 - बेचारा आदमी कितना बेबस है मौत उससे नेहाँ , बीमारियाँ उससे पोशीदा और उसके आमाल महफ़ूज़ हैं मच्छर के काटने से चीख़ उठता है , उच्छू लगने से मर जाता है और पसीना इसमें बदबू पैदा कर देता है।
- 418 - बेचारा आदमी कितना बेबस है मौत उससे नेहाँ , बीमारियाँ उससे पोशीदा और उसके आमाल महफ़ूज़ हैं मच्छर के काटने से चीख़ उठता है , उच्छू लगने से मर जाता है और पसीना इसमें बदबू पैदा कर देता है।
- और अक्सर ऐसा होता है कि पानी पीने वाले को पानी पीने से पहले ही उच्छू हो जाता है , और जितनी किसी मरग़ीब व पसन्दीदा चीज़ की क़दरो मंज़िलत ज़ियादा होती है उतना ही उसे खो देने का रंज ज़ियादा होता है।
- ( (( लालच इन्सान को हज़ारों चीज़ों का यक़ीन दिला देती है और उससे वादा भी कर लेती है लेकिन वक़्त पर वफ़ा नहीं करती है और बसावक़ात ऐसा होता है के सेराब होने से पहले ही उच्छू लग जाता है और सेराब होने की नौबत ही नहीं आती है।
- 163 . दुनिया में इन्सान मौत की तीर अन्दाज़ी का हदफ़ ( लक्ष्य ) और मुसीबत व इब्तिला ( विपत्ति एवं पीडा ) की ग़ारत ग़री ( विनाश ) की जौलांगाह ( दौड का मैदान ) है , जहाँ हर घूँट के साथ उच्छू और हर लुक़मे में गुलूगीर ( गले में फंसने वाला ) फंदा है।
- 274 - लालच जहां वारिद कर देती है वहां से निकलने नहीं देती है और यह एक ऐसी ज़मानतदार है जो वफ़ादार नहीं है के कभी कभी तो पानी पीने वाले को सेराबी से पहले ही उच्छू लग जाता है और जिस क़द्र किसी मरग़ूब की क़द्र व मन्ज़िलत ज़्यादा होती है उसके खो जाने का रन्ज ज़्यादा होता है।