उपदिशा का अर्थ
[ upedishaa ]
उपदिशा उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
- कोई दिशा या उपदिशा ऐसी न थी , जहाँ नयी आबादियों के झुरमुट न उठ रहे हों।
- कोई दिशा या उपदिशा ऐसी न थी , जहां नई आबादियों के झुरमुट न उठ रहे हों।
- यह तो मुख्य दिशाओं के दिशा शूल का परिहार था लेकिन उपदिशाओं में यात्रा करने के लिए भी शास्त्र में उपाय दिए है कि रविवार को चन्दन का तिलक , सोमवार को दही का तिलक, मंगलवार को मिट्टी का तिलक, बुधवार को घी का तिलक, वृहस्पतिवार को आटे का तिलक, शुक्रवार को तिल खा कर और शनिवार को खल खा कर यात्रा करने से उपदिशा का दिशा शूल नहीं लगता है.
- इन चारों दिशाओं के अलावा भी उपदिशा या विदिशा या कोण ईशान ( उत्तर-पूर्व ) , वायव्य ( उत्तर-पश्चिम ) , र्नैत्य ( दक्षिण-पश्चिम ) एवं आग्नेय ( दक्षिण-पूर्व ) होते हैं , जो जन्मकुंडली के क्रमशः 2 व 3 , 5 व 6 , 8 व 9 तथा 11 व 12 भाव से जुड़े होते हैं , इनके स्वामी ग्रह व देव क्रमशः गुरु व शिव , चंद्र व पवन ( वायु ) देव , राहु-केतु व र्नैत्य तथा शुक्र व अग्निदेव होते हैं।