उपलक का अर्थ
[ upelk ]
उपलक उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- उपलक मणि नाम- हि . उपल, रत्नोपल, अं.
- उपलक मणि नाम- हि . उपल , रत्नोपल , अं .
- प्रभाव- उपलक मणि को धारण करने से भक्ति भाव वैराग्य तथा आत्म उन्नति प्राप्त होकर अनेक प्रकार की मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
- प्रभाव- उपलक मणि को धारण करने से भक्ति भाव वैराग्य तथा आत्म उन्नति प्राप्त होकर अनेक प्रकार की मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
- ईस तरह , उपलक द्रष्टि से देखें तो, हर दफा, श्रीकृष्ण भगवान ने, कुछ अधर्म कह सकें ईस तरह, दुश्मनों की हत्या कराने में महत्व का प्रदान दिया, ऐसा लगता है ।
- ईस तरह , उपलक द्रष्टि से देखें तो, हर दफा, श्रीकृष्ण भगवान ने, कुछ अधर्म कह सकें ईस तरह, दुश्मनों की हत्या कराने में महत्व का प्रदान दिया, ऐसा लगता है ।
- रत्नों में ही पाँच मुख्य महारत्न तथा पाँच मुख्य मणियाँ होती हैं , जो निम्न प्रकार हैं- पाँच मुख्य महारत्न - हीरा मोती माणिक्य पन्ना नीलम पाँच मुख्य रत्न - पुखराज वैदूर्य गोमेद मूँगा अर्थात प्रवाल फरोजा मुख्य मणियाँ मुख्य मणियाँ- वैसे मणियाँ तो असंख्य हैं, परन्तु मुख्यतः 9 मणियों की मान्यता अधिक है, जो निम्न हैं- घृतमणि तैलमणि भीष्मक मणि उपलक मणि स्फटिक मणि पारस मणि उलूक मणि लाजावर्त मणि मासर मणि मणियाँ भी रत्नों की ही तरह ग्रहों के कारण उत्पन्न अनिष्ट को शांत करती हैं तथा मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ होती हैं।
- रत्नों में ही पाँच मुख्य महारत्न तथा पाँच मुख्य मणियाँ होती हैं , जो निम्न प्रकार हैं- पाँच मुख्य महारत्न - हीरा मोती माणिक्य पन्ना नीलम पाँच मुख्य रत्न - पुखराज वैदूर्य गोमेद मूँगा अर्थात प्रवाल फरोजा मुख्य मणियाँ मुख्य मणियाँ- वैसे मणियाँ तो असंख्य हैं , परन्तु मुख्यतः 9 मणियों की मान्यता अधिक है , जो निम्न हैं- घृतमणि तैलमणि भीष्मक मणि उपलक मणि स्फटिक मणि पारस मणि उलूक मणि लाजावर्त मणि मासर मणि मणियाँ भी रत्नों की ही तरह ग्रहों के कारण उत्पन्न अनिष्ट को शांत करती हैं तथा मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ होती हैं।