उपविष्ट का अर्थ
[ upeviset ]
उपविष्ट उदाहरण वाक्य
परिभाषा
विशेषणउदाहरण वाक्य
- बोधिसत्तव जब इस समाधि का लाभ करते हैं तब वे ' महारत्नराजपद्म ' नामक आसन पर उपविष्ट दिखलाई पड़ते हैं।
- अर्यमा = सूर्य अभिषुत सोम = पीसा हुआ सोम आहवनीय = हवन के उपयुक्त अश्विद्वय = दोनॉ अश्विनी कुमार निषण्ण = उपविष्ट वधूसरा = च्यवन की माता का नाम पुलोमा था .
- पंचम अंक अर्यमा = सूर्य अभिषुत सोम = पीसा हुआ सोम आहवनीय = हवन के उपयुक्त अश्विद्वय = दोनॉ अश्विनी कुमार निषण्ण = उपविष्ट वधूसरा = च्यवन की माता का नाम पुलोमा था .
- इन दोनों नदियों के विषय में “ वामन पुराण ” में वर्णन आता है कि प्रयाग में जो योगशायी भगवान विष्णु उपविष्ट हैं उनके दक्षिण और वामचरण से क्रमशा : वरूणा और असी नदी उत्पन्न हुयी तथा काशी क्षेत्र की सीमा होकर गंगा में जा मिली है।
- १ ३ . ७ ( मेषों के हरण पर राजा पुरूरवा का नग्न ही उत्थित होकर मेषों का अन्वेषण करना , उर्वशी का तिरोभूत होना ) , २ . १ २ ३ . १ ० ( वीरासन के लिए दिन में उत्थित होकर बैठने और रात्रि में उपविष्ट होने का निर्देश ) , २ . १ ३ ७ . १ ० ( उत्पातों के संदर्भ में पतित वृक्षों के उत्थान पर भेदकारी भय होने का उल्लेख ) , २ .