ऊर्ध्वमुख का अर्थ
[ ooredhevmukh ]
ऊर्ध्वमुख उदाहरण वाक्य
परिभाषा
विशेषण- ऊपर की ओर मुँह किया हुआ:"वह उन्मुख पर्वत चोटियों को निहार रहा है"
पर्याय: उन्मुख, ऊर्ध्व मुख, ऊर्ध्वोन्मुख
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- स्वर्णयुग कि संकर गुण ऊर्ध्वमुख हो गये
- उत्तराषाढ तथा उत्तर भाद्रपद- ये नै नक्षत्र ऊर्ध्वमुख ( ऊपर मुखवाले) कहे गये है।
- पांच शक्ति चक्र रूप अधोमुख त्रिकोण और चार शिवचक्रमय ऊर्ध्वमुख त्रिकोण के एकत्र सम्मिलित होने से श्रीचक्र निर्मित होता है।
- जहाँ मानस ऊर्ध्वमुख होकर निरंतर विस्तार पाते हुए विचारों और क्रियाओं में आगे बढ़ता है उस मुक्ति के स्वर्ग में हे परमपिता ! मेरे राष्ट्र का जागरण हो।
- यह ऊर्ध्वमुख नक्षत्र है अर्थात ऊपर की ओर बढ़ने वाले कार्य जैसे नौकरी शुरू करना , बड़े पद को ग्रहण करना , और विकासशील कार्य शुरू किये जा सकते हैं !
- शिवशक्त्यात्मकं ज्ञेयं श्रीचक्रं शिवयोर्वपु : ॥ के अनुसार पांच शक्ति - त्रिकोण , अष्टार , अन्तर्दशार , बहिर्दशार , और चतुर्दशार ये पांच अधोमुख त्रिकोण शक्तिचक्र है , चार वह्रि ( शिव ) -बिन्दु अष्टदल षोडशादल भूपुर या चतुरस्त्र ये चार ऊर्ध्वमुख त्रिकोण वह्रि ( शिव ) चक्र है।
- तब रामू काका जनवरी-फरवरी को जनौरी-फरौरी कहते थे , खैनी रगड़ते थे लिहाजा ऊर्ध्वमुख वार्तालाप करते थे , तेलौस बाल रखते थे और उनके इस तरह के बहुविध बनारसी गावदीपन पर शीला संधू , कृष्णा सोबती और युवतर निर्मला जैन जैसी अहीर की छोहरियाँ तफरीह के लिए उन्हें 8 दरियागंज में नाच नचाया करती थीं .
- २ ४ ॰ शत्रु बाधा निवारण के लिए होलिका दहन की दूसरी रात्रि मे रात्रि १ २ बजे के बाद अनार की कलम से होली की राख में शत्रु का नाम लिखकर उसे बाएँ हाथ से मिटा पुनः उसी स्थान पर एक ऊर्ध्वमुख त्रिभुज ( कोनों ऊपर की दिशा में ) के मध्य में “ ह्रीं ” लिखें।