एकारांत का अर्थ
[ aaraanet ]
एकारांत उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- सर्वनामों का रूप विभक्ति और कारकचिन्ह लगाने के पहले एकारांत ही रहता है
- ( ख) जिसमें मागधी भाषा के कुछ लक्षण पाए जाते हों, जैसे पुलिंग में प्रथमा के एकवचन में एकारांत रूप का होना (जैसे धम्मे)।
- ( ख) जिसमें मागधी भाषा के कुछ लक्षण पाए जाते हों, जैसे पुलिंग में प्रथमा के एकवचन में एकारांत रूप का होना (जैसे धम्मे)।
- ओकारांत रहते हैं ८- पुल्लिंग बहुवचन में आकारान्त तथा स्त्रीलिंग दोनों वचनों में व्यंजनान्त आकारान्त , एकारांत, ऐकारांत, तथा ऐकारांत संज्ञाओं के पूर्व विशेषण इकारांत होते
- ओकारांत रहते हैं ८- पुल्लिंग बहुवचन में आकारान्त तथा स्त्रीलिंग दोनों वचनों में व्यंजनान्त आकारान्त , एकारांत, ऐकारांत, तथा ऐकारांत संज्ञाओं के पूर्व विशेषण इकारांत होते
- इन सर्वनामों का रूप विभक्ति और कारकचिह्न लगाने के पहले एकारांत ही रहता है ( जैसे , केहि कर , जेहि पर ) ; ब्रज भाषा या पश्चिमी अवधी के समान अकारांत ( जैसे , जाको और जा कर , तापर और तापै ) नहीं होता।
- पूरबी अवधी में मागधी की प्रवृत्ति के अनुसार ब्रजभाषा के ओकारांत सर्वनामों के स्थान पर एकारांत सर्वनाम होते हैं , जैसे - ' को ' ( = कौन ) के स्थान पर ' के ' , ' जो ' के स्थान पर ' जे ' और ' कोऊ ' के स्थान पर ' केऊ ' या ' कोहू ' ।