कंठाभूषण का अर्थ
[ kenthaabhusen ]
कंठाभूषण उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- कंठ या गले में पहना जाने वाला आभूषण :"शीला तरह-तरह के कंठाभूषण पहनती है"
पर्याय: कंठ आभूषण
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- ' सतसई' के अतिरिक्त भूपतिजी ने 'कंठाभूषण' और 'रसरत्नाकर' नाम के दो
- ' सतसई' के अतिरिक्त भूपति ने 'कंठाभूषण' और 'रसरत्नाकर' नाम के दो रीति ग्रंथ भी लिखे जो अनुपलब्ध हैं।
- कहते है शिव जी ने कंठाभूषण सर्पों को शेषनाग पर छोड़ दिया , इस प्रकार इस पड़ाव का नाम शेषनाग पड़ा।
- कहते है शिव जी ने कंठाभूषण सर्पों को शेषनाग पर छोड़ दिया , इस प्रकार इस पड़ाव का नाम शेषनाग पड़ा।
- आगे चलने पर शिव जी ने अपनी जटाओं से चन्द्रमा को चंदनवाड़ी में अलग कर दिया तथा गंगा जी को पंचतरणी में और कंठाभूषण सर्पों को शेषनाग पर छोड़ दिया , इस प्रकार इस पड़ाव का नाम शेषनाग पड़ा।
- प्यालो लै चिनी को नीके जोबन तरंग मानो , रंग हेतु पीवत मजीठ मुगलानी है ' सतसई ' के अतिरिक्त भूपतिजी ने ' कंठाभूषण ' और ' रसरत्नाकर ' नाम के दो रीतिग्रंथ भी लिखे जो कहीं देखे नहीं गए हैं।
- प्यालो लै चिनी को नीके जोबन तरंग मानो , रंग हेतु पीवत मजीठ मुगलानी है ' सतसई ' के अतिरिक्त भूपतिजी ने ' कंठाभूषण ' और ' रसरत्नाकर ' नाम के दो रीतिग्रंथ भी लिखे जो कहीं देखे नहीं गए हैं।
- दहेज ऋगवेद ( प्रथम मंडल , सूक् त 125 ) में आता है कि राजा स् वनय ने अपनी पुत्री के विवाह के अवसर पर अपने दामाद कक्षिवत को आभूषणों से अलंकृत 10 कन् याएं , 10 रथ , चार चार के दल में चलने वाले सुदृढ शरीर के घोडे , धन , धातु के बरतन , बकरियां , भेडें , 100 निष् क् ( कंठाभूषण / स् वर्ण मुद्रा ) , 1,060 गौएं और एक सौ बैल दि ए.