कण्ठश्री का अर्थ
[ kenthesheri ]
कण्ठश्री उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
- कण्ठश्री और गजरा भी प्रचलित थे ।
- इनके आलावा ताटक , कुण्डल, कण्ठश्री और गजरा भी प्रचलित थे (कविप्रिया, छंद ५१, ६४ और रामचंद्रिका, २/३३१, २८/२०१) ।
- पुरुष कानों में कुण्डल; गले में कण्ठमाल , कण्ठश्री, हार, चौकी, नवग्रही; हाथों में कंकन और मुंदरी तथा कटि में मेखला धारण करते थे ।
- पुरुष कानों में कुण्डल; गले में कण्ठमाल , कण्ठश्री, हार, चौकी, नवग्रही; हाथों में कंकन और मुंदरी तथा कटि में मेखला धारण करते थे ।