कदंबक का अर्थ
[ kednebk ]
कदंबक उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- एक सदाबहार पेड़ जिसमें गोल फल लगते हैं:"रसखान की इच्छा थी कि अगर उन्हें पक्षी का जन्म मिले तो वे उसी कदंब पर निवास करें जिसके नीचे कृष्ण बंसी बजाया करते थे"
पर्याय: कदंब, कदम्ब, कदम, कादंब, कादम्ब, कदम्बक, हरिप्रिय, जीर्णपर्ण, साधुवृक्ष, साधुक, साधुपुष्प, वृत्तपुष्प, निप, सिंधुपुष्प, बहुफल, सिन्धुपुष्प, भद्र, भृंगबंधु, स्थविर, जाल
उदाहरण वाक्य
- चाहे , “ जै-जै भैरवी असुर भयाउनी ” हो या “ नंदक नंदन कदंबक तरु तरे ” उनकी तूलिका हमारे हृदय पर मधुर-चित्र उकेरती है और मैथिली के लालित्य को और बढ़ा जाती है।
- इसी प्रकार हिंदी का एक आरंभिक रूप यदि सरहपाद जैसे सिद्ध और गुरु गोरखनाथ जैसे नाथपंथी कवियों की भाषा में प्रकट हो रहा था , जिसका पौरुषपूर्ण संस्करण आगे चलकर कबीरदास जैसे कवि की भाषा में मुखर होकर संध्याभाषा , सधुक्कड़ी और खिचड़ी कहलाया तो एक अन्य रूप विद्यापति की पदावली में व्यक्त हो रहा था - ” नंदक नंदन कदंबक तरुतर धिरे-धिरे मुरली बजाव।
- चल खुसरो घर आपणे , रैन भई चहुँ देस॥“इसी प्रकार हिंदी का एक आरंभिक रूप यदि सरहपाद जैसे सिद्ध और गुरु गोरखनाथ जैसे नाथपंथी कवियों की भाषा में प्रकट हो रहा था, जिसका पौरुषपूर्ण संस्करण आगे चलकर कबीरदास जैसे कवि की भाषा में मुखर होकर संध्याभाषा, सधुक्कड़ी और खिचड़ी कहलाया तो एक अन्य रूप विद्यापति की पदावली में व्यक्त हो रहा था -”नंदक नंदन कदंबक तरुतरधिरे-धिरे मुरली बजाव।