कनकाचल का अर्थ
[ kenkaachel ]
कनकाचल उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- जालंधर के तीन तपस्या स्थल हैं- गिरनार पर्वत , कनकाचल और रक्ताचल।
- जालंधर के तीन तपस्या स्थल हैं- गिरनार पर्वत , कनकाचल और रक्ताचल।
- शोभा पाती देह आपकी , रौप्य धवल-सी आभावान॥ कनकाचल के तुंगृंग से, झर-झर झरता है निर्झर।
- पहला कनकÛिरि अथवा कनकाचल है जिसे स्र्व . ाÛिरि भी कहते हैं इस पहाड़ पर जालोर दुर्Û स्थित है।
- आर्चाय धर्म ? ाोष सूरि विरचित ‘मंÛल स्तो=‘ के आठवें श्लोक में कनकाचल नाम से इसे पवि= जैन तीर्थों में समाविष्ट किया है - ख्यातोऽष्टापद-पर्वतो
- इसके पु= समरसिंह के विषय में यह जानकारी मिलती है कि कनकाचल अर्थात स्र्व . ाÛिरी पर उसने कोट बनाया था और इस कोट पर दूर-दूर तक
- यह लोभी काल पुरानी सम्मार्जनी ( बुहारी ) रूपी काली रात्रि को लेकर कनकाचल के ( सुमेरू के ) चारों ओर उससे गिरे हुए आलोकरूपी सुवर्ण के कणों को बटोरता रहता है।