कर्मयोग का अर्थ
[ kermeyoga ]
कर्मयोग उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- वह योग जिसमें कर्मफल तथा आसक्ति से रहित होकर ईश्वर के लिए कर्म किया जाता है:"एक गृहस्थ के लिए कर्मयोग ही अत्यधिक उपयुक्त है"
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- सामवेद ज्ञानयोग , कर्मयोग और भक्तियोग की त्रिवेणी है।
- सामवेद ज्ञानयोग , कर्मयोग और भक्तियोग की त्रिवेणी है।
- निष्काम कर्मयोग का परिपालन कर रहे हैं ।
- वे सब गीता के कर्मयोग से प्रेरित थे।
- श्रीमद्भगवत् गीता के कर्मयोग “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।“
- करते हैं सन्यास औ ' कर्मयोग कल्या ण.
- करते हैं सन्यास औ ' कर्मयोग कल्या ण.
- कर्मयोग का हमारे जीवन में क्या महत्व है।
- लेकिन निष्काम कर्मयोग इतना आसान है भी नहीं।
- कर्मयोग की परिभाषा का यह महत्वपूर्ण घटक है।