कलिंगड़ा का अर्थ
[ kelinegada ]
कलिंगड़ा उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- एक राग जो दीपक राग का पाँचवाँ पुत्र माना जाता है:"कलिंगड़ा रात के चौथे पहर में गाया जाता है"
पर्याय: कलिंगड़ा राग
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- सोरठ , भैरवी, असावरी, कलिंगड़ा, धनाश्री, केदार, पीलू,
- तुम्हारी तान में भैरवी भी हो , कलिंगड़ा भी हो ।
- तुम्हारी तान में भैरवी भी हो , कलिंगड़ा भी हो ।
- राग कलिंगड़ा इससे मिलता-जुलता राग है।
- राग कलिंगड़ा , भैरव थाट के स्वरों के अनुकूल होता है।
- सूर्योदय से ठीक पहले राग कलिंगड़ा , ठुमरी अंग में खूब निखरता है।
- ‘ देख वेख मन ललचा य . .. ' : सोहनी , भटियार , ललित और कलिंगड़ा रागों के रंग
- ‘ राग और प्रहर ' श्रृंखला की आज की कड़ी के अन्त में अब हम आपसे राग कलिंगड़ा के विषय में थोड़ी चर्चा करेंगे।
- पटियाला , कसूर गायकी के सिद्ध कलासाधक उस्ताद बड़े गुलाम अली खाँ के अनुज उस्ताद बरकत अली खाँ के स्वरों में राग कलिंगड़ा की यह ठुमरी प्रस्तुत है।
- श्रृंखला की समापन कड़ी में आज हम आपसे राग सोहनी , भटियार , ललित और कलिंगड़ा की संक्षिप्त चर्चा करेंगे और इन रागों में कुछ चुनी हुई रचनाएँ भी प्रस्तुत करेंगे।