काकभुशुंडि का अर्थ
[ kaakebhushunedi ]
काकभुशुंडि उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- रामायण में वर्णित वह काक पक्षी जो पूर्वजन्म में एक राम-भक्त ब्राह्मण थे और लोमश ऋषि के शाप से कौआ हो गए थे:"गरुड़ के घमंड को दूर करने के लिए काकभुशुंडि ने उन्हें राम कथा सुनाई"
पर्याय: काक भुशुंडि, कागभुशुंडि, काग भुशुंडि, कागभुसुंडी, काकभुसुंड, काकभुशंडी, काकभुशुंडी, भुशुंडी, भुशुण्डी
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- काकभुशुंडि अपने शूद्र जन्म की बात
- ईश्वर और जीव में भेद पूछने पर काकभुशुंडि कहते हैं-
- संभवतः वे श्रीरामचरितमानस के काकभुशुंडि वाले प्रसंग के शिव-स्तोत्र का पाठ कर रहे हैं।
- उन्होंने काकभुशुंडि को दिखाया था और कहा था कि देख यही मेरा विराट् रूप है।
- काकभुशुंडि का दोष क्या था ? वे शूद्र थे, दरिद्र थे, अकाल पड़ने पर उज्जैन गये।
- शिवजी ने शाप देकर लोकमत की रक्षा की और काकभुशुंडि के गुरु ने कुछ न कहकर
- काकभुशुंडि का दोष क्या था ? वे शूद्र थे , दरिद्र थे , अकाल पड़ने पर उज्जैन गये।
- यह काकभुशुंडि भी विचित्र पक्षी है - एक साथ समादरित , अनादरित , अति सम्मानित , अति अवमानित।
- भ्रम का निवारण काकभुशुंडि जी ने किया , यह बताकर कि उनसे भी इस तरह का प्रमाद हो गया था।
- भ्रम का निवारण काकभुशुंडि जी ने किया , यह बताकर कि उनसे भी इस तरह का प्रमाद हो गया था।