कार्य-कारण-भाव का अर्थ
[ kaarey-kaaren-bhaav ]
कार्य-कारण-भाव उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- वह भाव या संबंध जो कारण का कार्य से और कार्य का कारण से होता है:"संकट और दुख में कार्य-कारण-संबंध होता है"
पर्याय: कार्य-कारण-संबंध
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- इन्हीं कारणों से कार्य-कारण-भाव को भी असिद्ध किया गया है।
- इन्हीं कारणों से कार्य-कारण-भाव को भी असिद्ध किया गया है।
- कर्म और फल का सम्बन्ध कार्य-कारण-भाव के नियम पर आधारित है।
- क्रिया और फल का संबंध कार्य-कारण-भाव के अटूट नियम पर आधारित है।
- क्रिया और फल का संबंध कार्य-कारण-भाव के अटूट नियम पर आधारित है।
- कुछ व्याख्याकारों ने प्रतीत्यसमुत्पाद का मम कार्य-कारण-भाव का बोध एवं उसका आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रयोग बताया है।
- इन सब धर्मों के कार्य-कारण-भाव के विश्लेषण के द्वारा चार प्रत्यय , छह हेतु एवं पाँच फल निर्धारित किए गए।
- पट्ठानप्पकरण में धर्मों का कार्य-कारण-भाव की दृष्टि से अभिसंबंध आलोचित किया गया है और 24 प्रकार के पच्चयों ( प्रत्ययों) का विवरण दिया गया है।