कालकेतु का अर्थ
[ kaaleketu ]
कालकेतु उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- एक राक्षस :"कालकेतु का वर्णन पुराणों में मिलता है"
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- भ्रमवश उसे चेत न रहा ( कि यह तापस मुनि है या कालकेतु राक्षस)।
- भावार्थ : - (उसी समय) वहाँ कालकेतु राक्षस आया, जिसने सूअर बनकर राजा को भटकाया था।
- भ्रमवश उसे चेत न रहा ( कि यह तापस मुनि है या कालकेतु राक्षस ) ।
- 16वीं शती के दो कवियों ने कालकेतु और उसकी स्त्री फुल्लरा तथा धनपति और उसके पुत्र श्रीमंत के आख्यान की रचना की जिसमें चंडी या दुर्गादेवी की महिमा वर्णित की गई।
- 16वीं शती के दो कवियों ने कालकेतु और उसकी स्त्री फुल्लरा तथा धनपति और उसके पुत्र श्रीमंत के आख्यान की रचना की जिसमें चंडी या दुर्गादेवी की महिमा वर्णित की गई।
- एक अन्य पुराण कथा के अनुसार जब सागर मंथन के समय सागर से कालकेतु विष निकला तब शिव ने संसार के रक्षा हेतु सम्पूर्ण विष का पान कर लिया और नीलकंठ कहलाए।
- 15वीं शती तथा विशेष रूप से 16वीं शती से ही बड़े प्रबंध काव्यों एवं वर्णनात्मक रचनाओं का निर्माण प्रारंभ हुआ , उदाहरणार्य आदर्श नारी बिहुला और उसके पति लखीधर की कथा, कालकेतु और फुल्लरा का कथानक, इत्यादि।
- 15वीं शती तथा विशेष रूप से 16वीं शती से ही बड़े प्रबंध काव्यों एवं वर्णनात्मक रचनाओं का निर्माण प्रारंभ हुआ , उदाहरणार्य आदर्श नारी बिहुला और उसके पति लखीधर की कथा, कालकेतु और फुल्लरा का कथानक, इत्यादि।
- पुतलों में रावण , मेघनाद , कुम्भकर्ण , ताड़िका , मारीच , सुबाहु , खर , दूषण , मकराक्ष , नौरान्तक , अतिकाय , कुम्भ , त्रिशरा , अक्षय कुमार , कमलकुण्ड , लवणासुर , कालनेमि , कालकेतु , अहिरावण आदि के पुतले होते हैं।
- पुतलों में रावण , मेघनाद , कुम्भकर्ण , ताड़िका , मारीच , सुबाहु , खर , दूषण , मकराक्ष , नौरान्तक , अतिकाय , कुम्भ , त्रिशरा , अक्षय कुमार , कमलकुण्ड , लवणासुर , कालनेमि , कालकेतु , अहिरावण आदि के पुतले होते हैं।