कुंतिभोज का अर्थ
[ kunetibhoj ]
कुंतिभोज उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- शूरसेन के ममेरे भाई कुंतिभोज ने पृथा को माँगकर अपने यहाँ रखा।
- शूरसेन के ममेरे भाई कुंतिभोज ने पृथा को माँगकर अपने यहाँ रखा।
- राजा कुंतिभोज को औलाद नहीं थी , इसलिए उसने राजा शूरसेन से उसकी पुत्री मांग ली।
- बुआ-कुंती कुंतिभोज की कन्या को महर्षि दुर्वासा ने वरदान दिया था जिससे कुंती किसी भी देवता का आह्वान कर उनसे संतान प्राप्त कर सकती थीं।
- कुंती बड़ी रूपवती और गुणवती थी | गुणवती होने के कारण कुंतिभोज ने उसे अतिथियों और साधु-महात्माओं की सेवा का कार्य सुपुर्द किया था | वह बड़े ही मनोयोग के साथ इस कार्य को पूर्ण किया करती थी |
- राजा शूरसेन सदियों का ज्ञान हैं , जिससे उसकी पुत्री की सूरत में, उसका कुछ अंश मांग लेना, उस कुंतिभोज की तलब है, जिससे एक रवायत को चलना है, एक तकदीर को चलना है, और तलब के वंश को चलना है...
- इसके अलावा कुछ अन्य संदर्भों में पाण्डव पक्ष के अठारह महारथियों का उल्लेख है जिसमें भीम , धृष्टकेतु , काशिराजस पुरुजित , कुंतिभोज , शैव्य युधामन्यु , उत्तमौजा , प्रतिविन्ध्य , श्रुतसोम , श्रुतकीर्ति , शतानीक और श्रुतवर्मा जैसे वीरों के नाम भी शामिल हैं ।
- इसके अलावा कुछ अन्य संदर्भों में पाण्डव पक्ष के अठारह महारथियों का उल्लेख है जिसमें भीम , धृष्टकेतु , काशिराजस पुरुजित , कुंतिभोज , शैव्य युधामन्यु , उत्तमौजा , प्रतिविन्ध्य , श्रुतसोम , श्रुतकीर्ति , शतानीक और श्रुतवर्मा जैसे वीरों के नाम भी शामिल हैं ।
- शूरसेन की प्रथम संतान एक पुत्री थी | उन्होंने बड़े ही प्यार के साथ उसका नाम पृथा रखा था | पृथा जब बड़ी हुई , तो शूरसेन ने अपने वचन के अनुसार उसे कुंतिभोज को सौंप दिया | कुंतिभोज ने उसे अपने घर ले जाकर उसका नाम कुंती रखा |
- शूरसेन की प्रथम संतान एक पुत्री थी | उन्होंने बड़े ही प्यार के साथ उसका नाम पृथा रखा था | पृथा जब बड़ी हुई , तो शूरसेन ने अपने वचन के अनुसार उसे कुंतिभोज को सौंप दिया | कुंतिभोज ने उसे अपने घर ले जाकर उसका नाम कुंती रखा |