केश-पाश का अर्थ
[ kesh-paash ]
केश-पाश उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- जब केश-पाश में जकड़ चुका , तब बंधन-सुख परिचय पाया।
- उमा के केश-पाश के भीतर है
- आती थी जाती थी . जामुन के रस जैसा सीताफल के बीज सा उमा के केश-पाश के भीतर है जो-वैसा तिमिर था .
- * ' उत्कलिकावल्लरी ' में उन्होंने अभिलाषा व्यक्त की है कि वे अपने केश-पाश खोलकर , राधा के दोनों चरणों को पोंछ देने का सौभाग्य प्राप्त कर सकें।
- िका रावण की रानी मनभावन मनोज्ञ थी , जिसके समक्ष पानी भरती थी शची भी जीतने को उस कामिनी के केश-पाश की- कृष्णता को, जब घन अन्धकार बढ़ता उदित हो मुख-साम्य-अभिलाषी चन्द्रमा उसे कर-निकर से करता निरस्त था।
- कनक-छरी सी मंदोदरी मय-तनुजा ललित ललामा वामा सुन्दरी सुरसिका रावण की रानी मनभावन मनोज्ञ थी , जिसके समक्ष पानी भरती थी शची भी जीतने को उस कामिनी के केश-पाश की- कृष्णता को , जब घन अन्धकार बढ़ता उदित हो मुख-साम्य-अभिलाषी चन्द्रमा उसे कर-निकर से करता निरस्त था।
- न भुजबन्ध मनुष्य की शोभा बढ़ाते हैं न चन्द्रमा के समान धवल हार न स्नान न अंगराग न पुष्प न अलंकृत केश-पाश एक वाणी ही मनुष्य को समलंकृत करती है अगर वह सुसंस्कृत रूप में धारण की जाय समस्त आभूषण क्षय को प्राप्त होते हैं पर वाणी का भूषण अमर भूषण है