क्षात्र-धर्म का अर्थ
[ kesaater-dherm ]
क्षात्र-धर्म उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- वह मध्ययुगीन कर्तव्य या धर्म या व्यवहार जिसका अनुकरण करना एक सच्चे सामंत या शूरवीर के लिए आवश्यक माना जाता था:"कुछ शूरवीर क्षात्र-धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राण भी दे देते थे"
पर्याय: क्षात्रधर्म
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- क्षात्र-धर्म की याद दिला रहा है ।
- जैसे , राज-धर्म , पुत्र-धर्म , क्षात्र-धर्म , आदि।
- जैसे , राज-धर्म , पुत्र-धर्म , क्षात्र-धर्म , आदि।
- उस सर्वश्रेष्ट धनुर्धर को , क्षत्रिय का क्षात्र-धर्म बताया !५२!
- क्षात्र-धर्म के अनुसार युद्ध भी किया है।
- लोभ की लड़ाई क्षात्र-धर्म के विरुद्ध है .
- क्षात्र-धर्म के पालन से ही भौतिक और अध्यात्मिक लक् . ..
- कष्ट कितने ही हो , किन्तु क्षात्र-धर्म हमारा है !
- मै दुर्गा की जयेष्ट-पुत्री , क्षात्र-धर्म की शान रखाने आई हूँ !
- मै दुर्गा की जयेष्ट-पुत्री , क्षात्र-धर्म की शान रखाने आई हूँ !