खंभावती का अर्थ
[ khenbhaaveti ]
खंभावती उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- लक्ष्मी , लता मंगेशकर आदि ने इसे अलग अलग रागों, काफी मिश्र खंभावती, बिलावल, बागेश्वरी, झिंझौटी, कर्नाटक शैली आदि रागों में गाकर इसे हर तरह से समृध्द किया है।
- बरन भाचार्य , हेमंत कुमार, एम एस सुब्बा लक्ष्मी, लता मंगेशकर आदि ने इसे अलग अलग रागों, काफी मिश्र खंभावती, बिलावल, बागेश्वरी, झिंझौटी, कर्नाटक शैली आदि रागों में गाकर इसे हर तरह से समृध्द किया है।
- किसी ने ' राग ' काफी ' में , किसी ने , ' मिश्र खंभावती ' में , किसी ने ' बिलावल ' में , किसी ने , बागेश्वरी में , किसी ने ' झिंझौटी ' में , और अन्य कुछ गायको नें इस गीत को , कर्नाटक शैली के रागों में भी गाया हुआ है।
- यह बात अलग है कि रविन्नाथ टेगौर , पं. पलुस्कर, दक्षिणरंजन सेन, दिलीप कुमार राय, पं- ओंकारनाथ ठाकुर, केशवराव भोले, विष्णुपंथ पागनिस, मास्टर कृष्णावराव, वीडी अंभाईकर, तिमिर बरन भाचार्य, हेमंत कुमार, एम एस सुब्बा लक्ष्मी, लता मंगेशकर आदि ने इसे अलग अलग रागों, काफी मिश्र खंभावती, बिलावल, बागेश्वरी, झिंझौटी, कर्नाटक शैली आदि रागों में गाकर इसे हर तरह से समृध्द किया है।
- यह बात अलग है कि रविन्नाथ टेगौर , पं. पलुस्कर, दक्षिणरंजन सेन, दिलीप कुमार राय, पं- ओंकारनाथ ठाकुर, केशवराव भोले, विष्णुपंथ पागनिस, मास्टर कृष्णावराव, वीडी अंभाईकर, तिमिर बरन भाचार्य, हेमंत कुमार, एम एस सुब्बा लक्ष्मी, लता मंगेशकर आदि ने इसे अलग अलग रागों, काफी मिश्र खंभावती, बिलावल, बागेश्वरी, झिंझौटी, कर्नाटक शैली आदि रागों में गाकर इसे हर तरह से समृध्द किया है।
- यह बात अलग है कि रविन्नाथ टेगौर , पं. पलुस्कर, दक्षिणरंजन सेन, दिलीप कुमार राय, पं- ओंकारनाथ ठाकुर, केशवराव भोले, विष्णुपंथ पागनिस, मास्टर कृष्णावराव, वीडी अंभाईकर, तिमिर बरन भाचार्य, हेमंत कुमार, एम एस सुब्बा लक्ष्मी, लता मंगेशकर आदि ने इसे अलग अलग रागों, काफी मिश्र खंभावती, बिलावल, बागेश्वरी, झिंझौटी, कर्नाटक शैली आदि रागों में गाकर इसे हर तरह से समृध्द किया है।
- यह बात अलग है कि रविन्नाथ टेगौर , पं. पलुस्कर, दक्षिणरंजन सेन, दिलीप कुमार राय, पं- ओंकारनाथ ठाकुर, केशवराव भोले, विष्णुपंथ पागनिस, मास्टर कृष्णावराव, वीडी अंभाईकर, तिमिर बरन भाचार्य, हेमंत कुमार, एम एस सुब्बा लक्ष्मी, लता मंगेशकर आदि ने इसे अलग अलग रागों, काफी मिश्र खंभावती, बिलावल, बागेश्वरी, झिंझौटी, कर्नाटक शैली आदि रागों में गाकर इसे हर तरह से समृध्द किया है।
- यह बात अलग है कि रविन्नाथ टेगौर , पं . पलुस्कर , दक्षिणरंजन सेन , दिलीप कुमार राय , पं- ओंकारनाथ ठाकुर , केशवराव भोले , विष्णुपंथ पागनिस , मास्टर कृष्णावराव , वीडी अंभाईकर , तिमिर बरन भाचार्य , हेमंत कुमार , एम एस सुब्बा लक्ष्मी , लता मंगेशकर आदि ने इसे अलग अलग रागों , काफी मिश्र खंभावती , बिलावल , बागेश्वरी , झिंझौटी , कर्नाटक शैली आदि रागों में गाकर इसे हर तरह से समृध्द किया है।