ख़्याल का अर्थ
[ khaal ]
ख़्याल उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- वह ज्ञान जो स्मरण शक्ति के द्वारा एकत्र या प्राप्त होता है:"बचपन की याद आते ही मन प्रसन्न हो जाता है"
पर्याय: याद, ध्यान, ख़याल, खयाल, ख्याल, स्मृति, सुध, सुधि, तसव्वुर, तसव्वर, तसौवर, अभिज्ञान - वह शक्ति या भाव जो मन में नयी,अनोखी,अनदेखी,अनसुनी आदि बातों के स्वरूप को उपस्थित करती है:"मूर्तिकार की कल्पना पत्थर को तराश कर मूर्त रूप प्रदान करती है"
पर्याय: कल्पना, ख़याल, खयाल, ख्याल, फंतासी, कल्पना शक्ति, तसव्वुर, तसव्वर, तसौवर - अनुभव और स्मृति से मन में उत्पन्न होनेवाला कोई भाव:"अपनी भावना के अनुरूप ही लोग व्यवहार करते हैं"
पर्याय: भावना, मनोभावना, ख़याल, खयाल, ख्याल, जज्बा, जज़्बा, जजबा, जज़बा - मन में उत्पन्न होनेवाली बात:"विचारों पर विवेक का अंकुश अवश्य होना चाहिए"
पर्याय: विचार, खयाल, ख़याल, ख्याल, अभिवेग, तसव्वुर, तसव्वर, तसौवर - किसी को उपेक्षित न करने का भाव:"वह बड़ों की बातों पर ध्यान न देते हुए अपनी मनमानी करता है"
पर्याय: ध्यान, खयाल, ख़याल, ख्याल, परवाह, लिहाज, लिहाज़, तवज्जोह, तवज्जो, तवज्जह, मुलाहज़ा, मुलाहिज़ा, मुलाहजा, मुलाहिजा - किसी विषय आदि में प्रकट किया हुआ किसी का अपना विचार या सम्मति:"सभी के मत से यह काम ठीक हो रहा है"
पर्याय: मत, अभिमत, राय, विचार, सम्मति, ख़याल, खयाल, ख्याल, तजवीज, तजवीज़, इंदिया, इन्दिया - किसी राग या रागिनी के समस्त शास्त्रीय लक्षणों से युक्त गेय पद या गीत:"गाए जाने की गति के विचार से ख़याल तीन प्रकार के (विलंबित, मध्य और द्रुत) होते हैं"
पर्याय: ख़याल, खयाल, ख्याल - अंतःकरण या मन की वह वृति या शक्ति जो उसे किसी चीज या बात का बोध कराती, उसमें कोई धारणा उत्पन्न करती अथवा कोई स्मृति जाग्रत करती है:"मैंने उन्हें एक बार देखा तो है पर उनकी आकृति अभी ध्यान में नहीं आ रही है"
पर्याय: ध्यान, ख़याल, खयाल, ख्याल, स्मृति, याद, सुध, सुधि, तसव्वुर, तसव्वर, तसौवर, नज़र, नजर
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- तेरा ख़्याल , तेरा लम्स अभी लेटा है
- तरह-तरह के ख़्याल उनके मन को ग्रसने लगे।
- इसी ख़्याल ने इन पेंटिंग्स की शक्ल ली . ”
- मैं यह ख़्याल ही छोड़ दे रहा हूँ .
- एक ख़ामख़्वाह का ख़्याल - कृष्ण माने काला।
- “ अम्मा , उसको मेरा कोइ ख़्याल नहीं।
- रूहानी ख़्याल कहता है हमेशा साथ मौला है
- तरह-तरह के ख़्याल उनके मन को ग्रसने लगे।
- अब मेने दूसरी शादी का ख़्याल त्याग दिया .
- ब्लॉग इन प्रिंट मीडिया का ख़्याल कैसे आया ?