खेमकरणी का अर्थ
[ khemekreni ]
खेमकरणी उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- एक प्रकार की चील जो देखने में सुंदर होती है :"खेमकरी की गरदन,पेट व पीठ सफेद होती है"
पर्याय: खेमकरी, खैरी, धोबिया चील, शंकर चील, संकर चील
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- लघुकथा डॉट कॉम सम्मान श्री हरभजन सिंह खेमकरणी को।
- अध्यक्ष मंडल के साथ श्री सुरेश शर्मा ( इंदौर) ने खेमकरणी जी को सम्मानित किया।
- बरेठा ( पंजाब)में आयोजित लघुकथा लेखक सम्मेलन में ‘जुगनुओं के अंग- संग', हरभजन सिंह खेमकरणी सम्मानित
- श्री हरभजन खेमकरणी जी ने विभिन्न विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए ।इसके उपरान्त पंजाबी लघुकथा-पाठ प्रस्तुत किया गया ।
- सत्र के अंत में पंजाबी लघुकथा के जाने माने कथाकार श्री हरभजन खेमकरणी को प्रथम ‘रतन सिंह संधू यादगारी मिन्नी कहानी सम्मान ' से सम्मानित किया गया।
- ‘कथा पंजाब ' के आगामी अंक में आप पढ़ेंगे -‘पंजाबी कहानी : आज तक' में प्रख्यात कथाकार संत सिंह सेखों की कहानी… 'पंजाबी लघुकथा : आज तक' में हरभजन सिंह खेमकरणी की पाँच चुनिंदा लघुकथाएँ, और बलबीर मोमी के उपन्यास ‘पीला गुलाब' की अगली किस्त…
- इस सत्र में सुकेश साहनी , सूर्यकांत नागर, डॉ. रामनिवास मानव, रामेश्वर काम्बोज हिमांशु, रूप देवगुण, सुरेश शर्मा, सुरेंद्र कैले, निरंजन बोहा, हरभजन खेमकरणी, विक्रमजीत नूर, दर्शन जोगा व श्याम सुंदर अग्रवाल द्वारा लघुकथाओं के संदर्भ में लघुकथा विधा पर प्रस्तुत किए गए विस्तृत विचारों से श्रोता बहुत प्रभावित हुए।
- धुरा ) , चमकौर सिंह राड़ा (एहसास), सुरेंद्र कैले (हुणे ही), बंत सिंह चठ्ठा (तोता और मंत्री) , निर्मल सिंह बरेटा (दीया), महिन्द्रपाल मिंधा (इंसानियत), हरभजन खेमकरणी (दूरदर्शी), रूप देवगुण (लक्ष्मी), डॉ. रामनिवास मानव (पत्नी का भविष्य), दर्शन जोगा (अंदरली गल्ल), सूर्यकांत नागर (फल), सुकेश साहनी (राजपथ), श्याम सुंदर अग्रवाल (कुंडली) ने लघुकथा-पाठ में भाग लिया।
- सतीश राठी , सु्रेश शर्मा , जगदीश जोशीला , धनश्याम अग्रवाल , हरभजन सिंह खेमकरणी , हरनाम शर्मा , प्रताप सिंह सोढ़ी , हरप्रीत राणा , नियति सप्रे , अमृत मंनण , चेतना भारती , एन उन्नी , लक्ष्मी नारायण , चैतन्य त्रिवेदी , कृष्णकांत दुबे , अशोक शर्मा आदि अन्य कथाकार भी उपस्थित थे।
- हरप्रीत सिंह राणा व रघबीर सिंह महिमी ( पटियाला ) , जगदीश राय कुलरीआँ व दर्शन सिंह बरेटा ( बरेटा ) , बिक्रमजीत ‘ नूर ' ( गिद्दड़बाहा ) , निरंजन बोहा ( बोहा ) , विवेक ( कोट ईसे खाँ ) रणजीत आज़ाद काँझला ( धूरी ) , अमृत लाल मन्नन , हरभजन खेमकरणी व डॉ . श्याम सुन्दर ‘ दीप्ति ' ( अमृतसर ) ने पंजाबी में अपनी रचनाएँ पढ़ीं।