गजचर्म का अर्थ
[ gajecherm ]
गजचर्म उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- हाथी का चमड़ा:"गजचर्म मोटा होता है"
- एक रोग:"गजचर्म में शरीर की त्वचा मोटी और रूखी हो जाती है"
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- 104 : फीलपांव ( गजचर्म )
- शिवजी ने जीती हुई वस्तुओं में से केवल गजचर्म वापस माँगा।
- से पैर और फ़ोतों की गजचर्म के समान मोटी पड़ी हुई चमड़ी पतली हो जाती
- दो हाथों में गजचर्म दिखलाकर अन्धकारि और गजासुर संहार मूर्तियोंके भावों को एकीकृत किया गया है .
- आप विषपान करते हो , पफणाधरी भुजा आपके भूषण हैं, आपका परिधन गजचर्म हैं, बूढ़ेबैल की सवारी है।
- गजचर्म कभी-कभी शरीर के किसी अंग की चमड़ी हाथी के पांव के चमड़े की तरह मोटी , कठोर एवं रूखी हो जाती है।
- आक 8-10 ग्राम आक की छाया में सुखाई छाल को कांजी के साथ पीसकर लेप करने से पैरों और फोतों की गजचर्म के समान मोटी पड़ी हुई चमड़ी पतली हो जाती है।
- 1 . जड़ की 8 - 10 ग्राम छाल को कांजी के साथ पीसकर लेप करने से पैर और फ़ोतों की गजचर्म के समान मोटी पड़ी हुई चमड़ी पतली हो जाती है।
- यह विशालकाय मूर्ति गजचर्म , मुण्डमाला, सर्प, त्रिशूल तथा परिकर की कंकाल स्वरूपा भयंकर दर्शना रौद्रकाली की आकृति और देवता के खुले हुए मुख, बिखरे हुए केश तथा धँसे नेत्रोंके कारण पूरी तरह भय का संचार करती है.
- हे शम्भो ! आपका अशन - खान - पान तो केवल गरल - विष है , अर्थात् आप विषपान करते हो , पफणाधरी भुजा आपके भूषण हैं , आपका परिधन गजचर्म हैं , बूढ़ेबैल की सवारी है।