गण्डस्थल का अर्थ
[ ganedsethel ]
गण्डस्थल उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- मुख हेमन्त शरद गण्डस्थल चल रोमावलि शिशिर बना
- उनके गण्डस्थल से बह चली प्रेमाश्रुकी धार।
- तीसरे दिन गण्डस्थल मुख तथा गला ।
- ॐ लं श्रीं लम्बोदराय स्वाहा सदा गण्डस्थल की रक्षा करे।
- उनके गण्डस्थल की रक्तावदान कांति देखकर महुआ रस से पूर्ण मदणिक्य-शुक्ति के सम्पुट की याद आने लगी।
- मृत्तिका भक्षण से उत्पन्न पाण्डुरोग में अक्षिकूट में शोथ , गण्डस्थल औरभूप्रदेश में शोथ, पैर-नाभि-मूत्रेन्द्रिय में शोथ हो जाता है.
- मृत्तिका भक्षण से उत्पन्न पाण्डुरोग में अक्षिकूट में शोथ , गण्डस्थल औरभूप्रदेश में शोथ, पैर-नाभि-मूत्रेन्द्रिय में शोथ हो जाता है.
- के बन्धु , सिन्दूर से शोभायमान दोनों गण्डस्थल वाले(गाल वाले), प्रबल विघ्न का नाश करने में समर्थ एवं इन्द्रादि देवों से
- धनञ्जय आदि नाग जिनके भूषण हैं तथा जो गण्डस्थल से दान की धारा बहानेवाले गजेन्द्ररूप हैं , उन पुरातन गजराज गणेश का मैं भजन करता हूँ।
- विरही तेरे श्याम न आये कैसे जीवित है मधुकर तन में ग्रीष्म नयन में पावस भर उर में बसन्त निर्झर मुख हेमन्त शरद गण्डस्थल चल रोमावलि शिशिर बना टेर रहा है ऋतुरसस्विनी मुरली तेरा मुरलीधर।।198।।